खट्टी डकारें क्यों आती है? क्या है ये कोई गंभीर संकेत, कारण जान नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे

खट्टी डकारें क्यों आती है? क्या है ये कोई गंभीर संकेत, कारण जान नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे

डकार आना एक आम बात है। यह आपके शरीर का आपके ऊपरी पाचन तंत्र से अतिरिक्त हवा को बाहर निकालने का तरीका है। अधिकतर डकारें अतिरिक्त हवा निगलने के कारण होती हैं। लेकिन, जब ये खट्टी डकारों में बदल जाता है तो ये सेहत से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। ये इस बात का संकेत हैं कि आपके खाने से लेकर पचाने तक की क्रिया में बहुत सारी गड़बड़ियां हैं जो कि इसे प्रभावित करती है। जैसे कि खाना का न पचना और ग्रासनली में जमा हो जाना। इसके अलावा खान-पान की आदतों से लेकर डाइट तक खट्टी डकार आने के पीछे कई कारण (khatti dakar aana ka karan) हो सकते हैं। तो, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

खट्टी डकारें क्यों आती है?
1. खान पान से जुड़ी बुरी आदतें
खान पान से जुड़ी बुरी आदतें खट्टी डकार आने का कारण बनती हैं। अगर आप बहुत तेजी से खाते या पीते हैं, खाते समय बात करते हैं, गम चबाते हैं, हार्ड कैंडी चूसते हैं, कार्बोनेटेड ड्रिंक पीते हैं या धूम्रपान करते हैं तो ये आपके पाचन क्रिया और पेट के मेटाबोलिक स्टेट को खराब कर सकती है जिसकी वजह से आपको खट्टी डकारें हो सकती है।

2. गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग
गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease) तब होता है जब पेट का एसिड बार-बार आपके मुंह और पेट (ग्रासनली) को जोड़ने वाली नली में वापिस प्रवाहित होता है। ये एसिड रिफ्लक्स आपके अन्नप्रणाली की परत को परेशान कर सकता है। यही खट्टी डकारों के रूप में महसूस होता है।

3. पेट की परत की सूजन
खट्टी डकार जब बहुत ज्यादा आने लगे तो ये पेट की परत की सूजन या हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के संक्रमण से भी संबंधित हो सकती है, जो कुछ पेट के अल्सर के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया है। इन मामलों में, डकार के साथ अन्य लक्षण भी होते हैं, जैसे सीने में जलन या पेट में दर्द।

खट्टी डकार से बचने के उपाय

-धीरे-धीरे खाएं और इसे अच्छी तरह से चबाकर पचाएं।

-कार्बोनेटेड ड्रिंक और बीयर से बचें। वे कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ते हैं।
-धूम्रपान न करें। जब आप धुआं अंदर लेते हैं, तो आप हवा भी अंदर लेते हैं और निगलते हैं। इससे खट्टी डकारें आती हैं।
– कभी-कभी, हल्की ब्लोटिंग और अपच की समस्या हो तो एंटासिड लें। पर ये जीईआरडी का रूप ले ले और बार-बार परेशान करने लगे तो डॉक्टर से बात करें और इसका इलाज करवाएं।

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