ठंड के मौसम में गीले बालों में बाहर जाते ही ज़ुकाम क्यों हो जाता है?

सर्दियों के मौसम में घर से निकलना अपने आप में एक मुसीबत है. अब फ़र्ज़ कीजिए आपको ऑफिस निकलना है. या कहीं जाना है. लेट हो रहा है. आप नहाए हैं, बाल गीले हैं. पर इतना समय नहीं है कि बालों को घंटों लगाकर सुखाएं.

ऐसे में आप गीले बालों के साथ ही घर से बाहर निकल गए. बस फिर क्या था. 2-3 दिनों के अंदर सर्दी-खांसी, ज़ुकाम, बुखार शुरू. अब ऐसे में सवाल उठता है कि गीले बालों के साथ बाहर जाने और फौरन बीमार पड़ने के बीच में कनेक्शन क्या है? दूसरा सवाल. कुछ लोगों को इस मौसम में बार-बार सर्दी, ज़ुकाम क्यों होता है? और आखिरी बात. इससे बचने में कौन सी टिप्स मदद कर सकती हैं? चलिए डॉक्टर से जानते हैं.

क्या गीले बालों में बाहर जाने से आप बीमार पड़ सकते हैं?

ये हमें बताया डॉक्टर साहिल कपूर ने.

(डॉ. साहिल कपूर, एसोसिएट कंसल्टेंट, फॅमिली मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर)

हां, सबके साथ ऐसा नहीं होता लेकिन आमतौर पर लोगों को ठंड लग जाती है. कुछ लोगों को ठंडी चीजों से एलर्जी होती है. वहीं कुछ लोग बदलते मौसम के साथ खुद को ढाल नहीं पाते. सर्दियों में गीले बालों के साथ बाहर जाने पर नाक बहने लगती है, जुकाम हो जाता है, खांसी आ सकती है या सांस भी फूल सकती है. इसलिए बालों को थोड़ा सुखाकर ही घर से बाहर जाना चाहिए. साथ ही गीले बालों पर टोपी न पहने. गीले बालों पर टोपी पहनने से बालों के सूखने के बाद टोपी में गीलापन रह जाता है. गीली टोपी पहनने से खांसी-जुकाम, सिर दर्द, सांस फूलना और बुखार हो सकता है. इसलिए हमेशा बालों को सुखाकर ही बाहर जाएं.

सर्दियों में खांसी-जुकाम किन वजहों से होता है?

अगर घर में किसी को खांसी-जुकाम है, तो इसके संक्रमण से आप भी बीमार पड़ सकते हैं. ये वायरल संक्रमण होता है. सर्दी-जुकाम होने पर और बिना गर्म कपड़े पहने घर से बाहर जाने पर ठंडी हवा लगने से सांस फूलने लगेगी, बुखार भी हो सकता है. अगर घर में कोई बीमार है तो उसका इलाज कराएं. ठंड में हमेशा गर्म कपड़े पहनकर ही घर से बाहर निकलें. खांसी-जुकाम होने पर या सांस फूलने पर डॉक्टर को दिखाएं, घर पर ही इसका इलाज न करें. समय पर डॉक्टर को न दिखाने से छाती में ठंड बैठ सकती है, जिससे समस्या और भी बढ़ जाएगी.

सर्दी-ज़ुकाम से बचे रहने के लिए टिप्स

सर्दियों में गर्म पानी पिएं. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायरॉइड की दवाइयों को नियमित रूप से लेते रहें. कुछ लोग बीपी सामान्य होने पर दवाई नहीं खाते, ऐसा न करें. क्योंकि ठंड में बाहर जाने पर धमनियां सिकुड़ सकती हैं, जिससे बीपी बढ़ सकता है. अगर एलर्जी है तो CBC टेस्ट यानी (कम्प्लीट ब्लड काउन्ट टेस्ट) और IGE लेवल टेस्ट करवाएं. ये टेस्ट उन लोगों को कराने के लिए कहा जाता है, जिन्हें खांसी-जुकाम बड़ी जल्दी होता है. इस टेस्ट से ये पता चलता है कि खून में कितनी मात्रा में एलर्जी है. हरी सब्जियां और फल खाएं. कुछ लोग ये पूछते हैं कि सर्दी-खांसी होने पर कौन से फल न खाएं. ऐसे में ठंडे फल जैसे कि अनार, पपीता, चीकू और संतरा खाने से मना किया जाता है. केला और सेब खा सकते हैं, लेकिन कम मात्रा में.

गले में खराश होने पर गरारे करें, बीटाडीन या गुनगुने पानी से गरारे करें. खांसी-जुकाम से बचने के लिए सुबह उठते ही गुनगुना पानी पिएं. कुछ लोग सर्दियों में हीटर भी चलाते हैं, ऐसे में हीटर वाले कमरे से निकलकर बाहर ठंड में जाने से भी खांसी-जुकाम हो सकता है. ऐसे में अगर हीटर चल रहां है तो उसे बंद करें, फिर 15 से 20 मिनट उसी कमरे में रुकें, इसके बाद बाहर निकलें. इन बातों का ध्यान रखने से खांसी-जुकाम से बच सकते हैं. अगर खांसी-जुकाम बढ़ जाए, ठीक न हो या बुखार हो जाए तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें.)

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