बंगाल में ED पर हमले का मास्टरमाइंड शाहजहां शेख क्यों नहीं हुआ अरेस्ट? राज्यपाल ने ममता सरकार से पूछा सवाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पहले संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हमले की घटना पर गुस्सा जताया था. उन्होंने शुक्रवार को सरकार को चेतावनी भी दी कि उसे ‘परिणाम भुगतने होंगे’. रविवार को सीआरपीएफ के आईजी के साथ बैठक के बाद राजभवन ने राज्य सरकार से तीन सवाल पूछे हैं. बंगाल राजभवन की से ममता सरकार से पूछा गया कि शाहजहां शेख को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है?
इसके साथ ही पूछा गया है कि राशन भ्रष्टाचार पर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? इसके अलावा, राज्यपाल बोस ने जानना चाहा कि संदेशखाली के तृणमूल नेता शेख शाहजहां को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? सरकार से इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्या शाहजहां सीमा पार कर दूसरे देश में चला गया है?
राज्यपाल ने शुक्रवार की तरह रविवार को भी सरकार को कानून एवं व्यवस्था की ‘विफलताओं’ के लिए उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाई. राजभवन ने उन पुलिसकर्मियों को दंडित करने का प्रस्ताव दिया है जो अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं.
राज्यपाल ने सरकार से पूछे तीन सवाल
हालांकि, राजभवन ने न सिर्फ प्रस्ताव दिया है, बल्कि इन सभी मुद्दों पर सरकार के बयान वाली एक रिपोर्ट भी भेजी है. रविवार को ईडी और सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में राज्यपाल ने शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पाने पर पुलिस पर निराशा व्यक्त की. राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने पुलिस को ‘लुका-छिपी’ का खेल रोकने का आदेश दिया है.
राज्यपाल ने संदेशखाली की घटना को ‘परेशान करने वाला’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा, ”सरकार को लोकतंत्र में ऐसी क्रूरता को रोकना चाहिए. लेकिन अगर सरकार अपनी प्राथमिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहती है, तो देश का संविधान उचित कार्रवाई करेगा.” बोस ने यह भी कहा था कि संविधान का उल्लंघन होने पर एक्शन लिया जाएगा.
ईडी की छापेमारी के दौरान हुआ था हमला
शुक्रवार को संदेशखाली में तृणमूल नेता शाहजहां के घर पर छापेमारी के दौरान ईडी और सेंट्रल आर्मी के जवानों को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. एक ईडी अधिकारी का सिर फट गया. उग्र भीड़ के सामने ईडी के अधिकारियों को भागने के लिए विवेश होना पड़ा था. संदेशखाली के विभिन्न स्थानों पर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.