चूड़ियां क्यों पहनती हैं भारतीय औरतें, सिर्फ परंपरा ही है एक मात्र कारण, या इसके पीछे है कोई साइंस?
जैसे ही लड़कियों की शादी होती है, वो चूड़ियां पहनना शुरू कर देती हैं. चूड़ियों को सुहाग से जोड़कर देखा जाता है. ये सोलह श्रृंगार में से एक होता है. आज के समय में कई औरतें चूड़ी पहनने को दकियानूसी विचार मानती हैं. उनका मानना है कि ऐसी परंपराएं औरतों (Why Indian women wear bangles) को पिछड़ा बना रही हैं. तो क्या चूड़ियां पहनना सिर्फ परंपरा का हिस्सा है, क्या ये पुराने जमाने की मान्यता है जिसे अब खत्म कर देना चाहिए, या फिर इसके पीछे कोई साइंस भी है जिसके बारे में आजकल के लोग नहीं जानते?
कोरा पर लोगों ने क्या कहा?
कलाई सेलवन नाम के यूजर ने कहा- “चूड़ियां, भारतीय महिलाओं के सुहाग को दर्शाती हैं. ये कई रंगों में आती हैं और भारतीय परंपरा में इनका खास महत्व है. शादी के बाद चूड़ियां पहनने से अच्छी सेहत, अच्छी किस्मत और घर में सुख समृद्धि आती है.” यशस्वी वर्मा नाम की यूजर ने कहा कि चूड़ियां पहनने से औरतें सुहागिन बन जाती हैं, ऐसे में वो चूड़ियां इसी लिए पहनती हैं जिससे वो सुहागिन लगें. इनके अलग-अलग रंग, अलग-अलग चीजों को दर्शाते हैं.
क्या है कांच की चूड़ियां पहनने का वैज्ञानिक कारण?
ये तो हो गए आम लोगों के जवाब, चलिए अब देखते हैं कि चूड़ियां पहनने के पीछे साइंस क्या है. ‘साइंस बिहाइंड इंडियन कल्चर’ और ‘ऑल इंडिया राउंड अप’ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार चूड़ियां पहनने के पीछे कई तरह के वैज्ञानिक कारण होते हैं. चूड़ियों को कलाई पर पहना जाता है, इस वजह से लगातार घर्षण होता है. इसके चलते खून का संचार ठीक तरह से होता है. साथ ही माना जाता है कि कलाई में कई एक्यू-प्रेशर पॉइंट्स होते हैं जो बार-बार दबने से महिलाओं का हॉर्मोनल बैलेंस बना रहता है. ये भी एक कारण है कि पहले के वक्त पुरुष भी हाथों में कड़े पहनते थे. कांच की चूड़ियां इस वजह से पहनी जाती हैं क्योंकि उनके टकराने की आवाज से निगेटिव एनर्जी महिलाओं से दूर रहती है. भारत के कई हिस्सों में माना जाता है कि चूड़ियों की आवाज से नवविवाहित औरतें नजर से दूर रहती हैं. इसके साथ ही रंगीन चूड़ियां मन को शांत रखने का काम भी करती हैं. भारत के कई हिस्सों में अलग-अलग रंगों की चूड़ियां पहनी जाती हैं. कहीं हरी तो कहीं लाल और कहीं पीली चूड़ियां पहनी जाती हैं. हरा रंग शांत स्वभाव के लिए तो लाल रंग बुरी ऊर्जा को दूर करने के, साथ ही फर्टिलिटी के लिए भी होता है.