‘ईसाई धर्म अपना लेंगे अगर..’, 150 लोग पहुंचे कलेक्टर के पास, कहा- हमें न्याय चाहिए
जिले में सामाजिक बहिष्कार से परेशान धनुआसागर गांव के राठौर परिवार के करीब 150 लोग मंगलवार को फरियाद लेकर जनसुनवाई में कलेक्टर से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें अगर न्याय नहीं मिला तो वे सभी ईसाई धर्म को अपनाने के लिए मजबूर हो जाएंगे और इसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार होगा. इस मौके पर बड़ी संख्या में परिवार की महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे. परिवार की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर ने उन्हें समझाइश दी है. कलेक्टर ने कहा है कि पहले गांव में ही बैठकर बातचीत की जाए और मामले को सुलझाया जाए.
सरोज बाई राठौर ने कहा कि हमें अगर समाज में शामिल नहीं कराया गया तो हमें दूसरा कदम उठाना पड़ेगा और हमारे धर्मांतरण के लिए राठौर समाज के ठेकेदार कृष्ण परमार सिंह और प्रशासन ही जिम्मेदार होंगे. हमें नहीं अपनाया गया तो फिर यह कदम हमारे द्वारा उठाया जाएगा. दूसरी तरफ परिवार के मुखिया बिहारी लाल राठौर ने कहा कि हमारे ही गांव में हमारे ही समाज के लोग हमें अपना नहीं रहे हैं. जबकि कुछ समय पहले हमारा मिलाप हो गया था.
पुलिस और कलेक्टर को कर चुके हैं शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रहीबिहारी लाल राठौर ने कहा कि एक साल तक हमें समाज ने साथ रखा था, लेकिन कृष्ण परमार के कहने पर समाज ने अपने कार्यक्रमों से हमें दूर कर दिया है. इसकी शिकायत पुलिस को भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. कलेक्टर डिंडोरी में भी 3 बार आवेदन दिया गया है, पर कुछ नहीं हुआ. अब एक बार फिर आवेदन दिया है.
दोनों पक्षों के साथ चर्चा करेंगे, कलेक्टर बोले- कोई किसी को बहिष्कृत नहीं कर सकताइस मामले में कलेक्टर विकास मिश्रा ने कहा कि अगर चाहें तो इस शिकायत पर तुरंत न्यायिक कार्रवाई हो सकती है और एफआईआर अभी दर्ज की जा सकती है, लेकिन गांव का मामला है. एक बार दूसरे पक्ष के साथ बैठकर बात की जाएगी; उन्हें समझाने की कोशिश होगी. ये सभी एक ही समाज और परिवार के लोग हैं इसलिए कार्रवाई के पहले सभी को साथ बैठकर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि आज के समय सामाजिक बहिष्कार जैसी बातें गलत हैं. संविधान के अनुसार सबको समान अधिकार है, सबको उसका पालन करना चाहिए. कोई किसी को समाज से बहिष्कृत नहीं कर सकता, अगर ऐसी कोई बात है तो वह अपराध है.