क्या फिर नहीं मिलेगा दिल्ली एनसीआर में घर, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

क्या फिर नहीं मिलेगा दिल्ली एनसीआर में घर, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

दिल्ली-एनसीआर में में साल 2023 के अंत में बिना बिके घरों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है. इन घरों की संख्या 23 फीसदी तक गिरवाट आई है. रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. एनारॉक के आंकड़ों की मानें तो बिना बिके घरों की संख्या अब एक लाख से भी नीचे 94,803 यूनिट रह गई है. रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा पिछले दस सालों में सबसे कम है. 2022 के अंत में ऐसी 1,23,692 यूनिट थीं जिन्हें खरीदा नहीं गया था.

पिछले 10 सालों में पहली बार 2023 के अंत यह आंकड़ा एक लाख यूनटि से नीचे पहुंच गया है. गुलशन ग्रुप की डायरेक्टर युक्ति नागपाल ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में 2023 में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, विशेष रूप से लक्जरी हाउसिंग सेगमेंट में. इंडस्ट्री ने लक्जरी और बड़े घरों के साथ-साथ विकसित हो रही शहरी क्षेत्रों की ओर ध्यान केंद्रित किया है. दिल्ली-एनसीआर एक हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है, जिसमें लक्जरी आवास की बिक्री में उल्लेखनीय 216 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. ऐसे में बिना बिके मकानों में कमी आनी ही थी.

ये है सेल की वजह
एनारॉक के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने के अनुसार 2023 में नए प्रोजेक्ट कम आने और सेल ज्यादा होने की वजह से बिना बिके घरों की संख्या में भारी गिरावट आई है. सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में पिछले साल ऐसे मकानों की बिक्री 65,625 रही थी, जबकि 36,735 घरों की नई यूनिट बनाई गईं. काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी ने कहा कि साल 2023 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए काफी शानदार साबित हुआ है.

बीते दस साल में साल 2023 पहली बार बूम पर दिखाई दिया है. इस साल देखें तो शुरुआत से ही घरों की डिमांड में तेजी देखी गई. यही वजह है कि वर्ष 2023 में घरों की बिक्री का अभी तक का आंकड़ा पिछले साल यानी 2022 की तुलना में करीब 40 फीसदी ज्यादा रहा है. अगले साल की बात करें तो मकानों की बिक्री में तेजी का ट्रेंड बरकरार रहने की उम्मीद है.

यहां सबसे कम है बिना बिके हुए घर
तुलना करें तो दिल्ली-एनसीआर में इस समय बिना बिके मकानों की संख्या मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) से काफी कम है. मुंबई में बिना बिके मकानों की संख्या दो लाख से अधिक हो गई है. आंकड़ों की मानें तो 2023 के अंत में गुरुग्राम में बिना बिकी मकानों की संख्या 27 प्रतिशत घटकर 37,575 इकाई रही, जो 2022 के अंत में 51,312 इकाई थी. क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ कहते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वर्ष 2023 हर लिहाज से बेहतर रहा.

वर्ष 2022 से रियल एस्टेट सेक्टर में जो तेजी शुरू हुई थी वह वर्ष 2023 में अपनी ऊंचाइयों को छू चुकी है. कोविड के बाद लोगों ने इस चीज को समझा है. इस ट्रेंड को हम आगे भी देख रहे हैं. खासकर दिल्ली एनसीआर में. साल 2023 को बीते दस साल में अभी तक का रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सबसे हाई डिमांड वाला साल कहा जा सकता है. डिमांड में कोई कमी नहीं आएगी. मुझे लगता है कि 2024 ही नहीं अगले पांच-छह साल रियल एस्टेट ही देश का ग्रोथ ड्राइवर होगा.

नोएडा का ऐसा रहा हाल
नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या 2022 के मुकाबले 15 फीसदी घटकर 8,658 रही. 2022 के अंत में यह 10,171 थी. ग्रेटर नोएडा में बिना बिके मकानों की संख्या 2022 के अंत में 26,096 थी. यह 28 प्रतिशत गिरकर 18,825 यूनिट रह गई. वहीं, गाजियाबाद में 2022 के 15,475 इकाइयों के मुकाबले यह संख्या 12,546 रह गई. फरीदाबाद, दिल्ली, भिवाड़ी में भी इसमें करीब 17 प्रतिशत की कमी आई है.

एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने बताया कि कोरोना के बाद पिछला साल रियल एस्टेट के लिए बेहद अच्छा रहा है. इसका कारण रहा है कि लोगों ने अपना और बड़ा घर लेने का निर्णय लिया. पिछले साल में पूरे एनसीआर खास तौर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मकान लेने वालों की संख्या बढ़ी है और आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होगी.

उधर, मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि वर्ष 2023 में रियल एस्टेट सेक्टर ने एक बार फिर बूम दिखाया है. दिल्ली एनसीआर में तो बिना बिके मकानों की संख्या में कमी हुई ही है, छोटे टियर-2 व 3 शहरों में भी रेजिडेंशियल डेवलपमेंट्स के लिए 1,461 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है, जो इन शहरों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है. निश्चित रूप से आने वाले वर्ष में भारत के छोटे शहरों की आकांक्षाओं को भी पूरा किया जाएगा.

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