क्या यूपी में होगा खेला! अखिलेश यादव को बिना बताए मायावती के टच में कौन?

बीएसपी अभी इंडिया गठबंधन में नहीं है, लेकिन गठबंधन के कुछ सहयोगी दल मायावती को साथ लेना चाहते हैं. यूपी कांग्रेस के कई नेता भी ऐसा ही चाहते हैं. पार्टी की दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की बैठकों में ये मांग हो चुकी हैं. दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की आखिरी मीटिंग में भी ये मुद्दा उठा था. तब समाजवादी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि कांग्रेस इस पर अपना स्टैंड साफ करे. ये बात समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने उठाई थी.

रामगोपाल यादव ने कहा था कि बार बार बीएसपी से समझौता करने की बात क्यों आती रहती है! इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट पर हम कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन इतना तय है कि हमारा गठबंधन तो समाजवादी पार्टी से है. दिल्ली में कांग्रेस के हेड ऑफिस में यूपी के पार्टी नेताओं की मीटिंग बुलाई गई थी. इस मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी थीं.

बैठक में उठी थी बीएसपी से गठबंधन की मांग

इस बैठक में मौजूद कांग्रेस के कई नेताओं ने बीएसपी से गठबंधन करने की मांग की. मीटिंग में सबसे पहले ये बात पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने उठाई थी. इसके बाद एक एक पार्टी के कई नेताओं ने इसी लाइन पर मायावती का साथ लेने की वकालत की. बैठक में मौजूद पार्टी के सिर्फ़ तीन नेताओं ने ही समाजवादी पार्टी से गठबंधन की वकालत की थी. उस बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि बीएसपी तो हमारे साथ नहीं है. इसीलिए जो साथ हैं हमें तो उनसे मिल कर ही चुनाव लड़ना होगा.

कांग्रेस के कई नेता बीएसपी से गठबंधन के पक्ष में

पार्टी का प्रभारी बनने के बाद अविनाश पांडे ने कांग्रेस के नेताओं संग अलग-अलग बैठकें की. लखनऊ में हुई मीटिंग में भी बीएसपी का जिक्र आया. कुछ नेताओं ने कहा कि मायावती को गठबंधन के लिए तैयार करना चाहिए. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू भी ऐसा ही चाहते हैं. पार्टी के फोरम पर कई बार वे ऐसा कह चुके हैं. सहारनपुर से पार्टी के नेता इमरान मसूद कह रहे हैं कि बिना बीएसपी से गठबंधन के पश्चिमी यूपी में चुनाव में कोई खास फायदा नहीं होने वाला है.

‘कुछ साथी बीएसपी के टच में’

पार्टी के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के कुछ साथी बीएसपी के ‘टच’ में हैं. गठबंधन के किस नेता की बीएसपी से बात हो रही है? इस सवाल का जवाब अविनाश पांडे टाल गए. उधर समाजवादी पार्टी की तरफ से माहौल बनाया जा रहा है कि बीएसपी का क्या काम. अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया कि चुनाव बाद बीएसपी की गारंटी कौन लेगा. इशारों ही इशारों में वे बताना चाहते हैं कि चुनाव बाद मायावती तो बीजेपी के साथ भी जा सकती हैं.

बीजेपी बी टीम आरोपों का जवाब दे चुकी हैं मायावती

वैसे भी समाजवादी पार्टी के नेता बीएसपी पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाते रहते हैं. मायावती ने भी इसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में संसद में खड़े होकर तो मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी को जीत की शुभकामनाएं दी थीं. बीएसपी अध्यक्ष ने तो समाजवादी पार्टी पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगा दिया है. इस पूरे खेल का असली मजा तो कांग्रेस ले रही है.

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