सऊदी में महिलाओं की आजादी पर उठे सवाल तो भड़क गईं राजकुमारी रीमा, कर डाली अमेरिका से तुलना
राजकुमारी रीमा ने कहा सऊदी अरब में भी अब पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए समान अवसर हैं, फिर चाहे वो सेना, हो अग्निशमन हो, अंतरिक्ष हो या फिर अन्य क्षेत्र. आज सऊदी में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. रीमा ने एवर्ट और नवरातिलोवा के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सऊदी अरब में महिलाओं को समान अधिकार नहीं हैं.
अमेरिका में सऊदी अरब की राजदूत राजकुमारी रीमा बिंत बंदर ने सऊदी अरब में महिला टेनिस टूर्नामेंट आयोजित करने के विरोध को खारिज कर दिया है. राजकुमारी रीमा ने पूर्व महिला टेनिस खिलाड़ी क्रिस एवर्ट और मार्टिना नवरातिलोवा की मांग को खारिज करते हुए कहा कि पूर्व खिलाड़ियों का सऊदी अरब के प्रति जो नजरिया है वो सऊदी में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति को बदनाम करने वाला है.
दरअसल पूर्व टेनिस खिलाड़ियों ने सऊदी में महिला टेनिस टूर्नामेंट आयोजित का विरोध किया था. खिलाड़ियों का कहना है कि सऊदी अरब में लैंगिक समानता नहीं है, महिलाओं को पारिवारिक जीवन के अधिकांश पहलुओं में भेदभाव का सामना करना पड़ता है. ऐसे में टूर्नामेंट के आखिरी इवेंट को वहां पर नहीं होना चाहिए.
‘खेल का उपयोग पूर्वाग्रह से नहीं किया जाना चाहिए’
राजकुमारी रीमा बिंत ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जो लोग हमारी महिलाओं को दूसरों के समान अवसरों से वंचित करना चाहते हैं, मैंने सुना है कि उनकी मेज पर हमारे लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन हम अपने यहां आपका स्वागत करते हैं. उन्होंने लिखा कि खेल का उपयोग व्यक्तिगत पूर्वाग्रह से नहीं किया जाना चाहिए.
‘प्रेरित करने की बजाए दोनों खिलाड़ियों ने किया निराश’
रीमा बिंत ने आगे कहा कि दुनिया भर की कई महिलाओं की तरह हम भी टेनिस के दिग्गजों को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं. इस उम्मीद के साथ कि सऊदी की महिलाएं भी भी ये सब हासिल कर सकते हैं. ऐसे में दोनों खिलाड़ियों को महिलाओं को और प्रेरित करना चाहिए, लेकिन इनके रवैये ने उन महिलाओं को निराश कर दिया. ये दोनो खिलाड़ी इन महिलाओं की रोल मॉडल रहीं इनसे ही प्रेरित होकर महिलाएं आगे बढ़ीं.
‘सऊदी अरब में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही महिलाएं’
राजकुमारी रीमा ने कहा सऊदी अरब में भी अब पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए समान अवसर हैं.फिर चाहे वो सेना, हो अग्निशमन हो, अंतरिक्ष हो या फिर अन्य क्षेत्र आज सऊदी में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. रीमा ने एवर्ट और नवरातिलोवा के इस तर्क को खारिज कर दिया कि सऊदी अरब के समाज में महिलाएं समान नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सऊदी में महिलाओं को यात्रा करने, काम करने के लिए किसी की मंजूरी की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा सऊदी की महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. यहां कई कंपनियों की मालिक महिलाएं ही हैं.
‘अमेरिकी महिलाओं की तरह काम कर रहीं महिलाएं’
राजकुमारी ने सऊदी की महिलाओं की तुलना अमेरिकी महिलाओं से की. उन्होंने कहा कि आज सऊदी में महिलाएं 3 लाख से ज्यादा व्यवसायों से जुड़ी हैं वहीं करीब 25 प्रतिशत स्टार्ट-अप कंपनियों की मालिक हैं. जो अमेरिका के बरामब है. यहां भी महिलाओं को समान वेतन दिया जाता है.
‘महिलाओं की उपलब्धि को नजरअंदाज करना गलत’
इसके साथ ही राजकुमारी रीमा ने ये भी कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए अभी काफी काम करना बाकी है. हाल ही में महिलाओं ने हर क्षेत्र में काफी प्रगति की है. ऐसे में उनकी इस उपलब्धि को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
‘सऊदी की महिलाओं को पीड़ित दिखाना गलत’
राजकुमारी रीमा ने कहा कि किंगडम में 33 हजार से ज्यादा अधिक पंजीकृत महिला एथलीट हैं, जिनमें से 14 हजार सक्रिय तौर पर टेनिस में भाग लेती हैं, वहीं हजारों महिलाएं कोच, सलाहकार, रेफरी और खेल डॉक्टर के रूप में काम करती हैं. ऐसे में यहां की महिलाओं को पीड़ितों के रूप में दिखाना न केवल खेल में उनकी प्रगति को कमजोर करता है, बल्कि देश में महिलाओं द्वारा की गई प्रगति को भी कम करता है. उन्होंने यासमीन अलदब्बाग, ताहानी अलकाहतानी और यारा अलहोगबानी जैसे एथलीटों की उपलब्धियों का उदाहरण भी दिया.