World Brain Day : क्या होती हैं न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, कैसे पहचानें शुरुआती लक्षण, डॉक्टरों से जानें
दुनिया भर न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. दिमाग से संबंधित बीमारियों को न्यूरोलॉजिकल समस्या कहते हैं. दिमाग से जुड़ी हुई बीमारियां दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है. ऐसे में लोगों को दिमाग से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकतना बढ़ाने के लिए हर साल 22 जुलाई को विश्व ब्रेन दिवस मनाया जाता है. इस साल ब्रेन दिवस की थीम ब्रेन हेल्थ एंड प्रिवेंशन” रखी गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिमाग की बीमारियों के मामले में समय पर इलाज मिलना और सही इलाज मिलना बहुत जरूरी है. आज के समय में इन बीमारियों के इलाज में कई तरह की नई तकनीक आ गई हैं.
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल दिल्ली में न्यूरोलॉजी विभाग की डॉ. अमृता जे गोटूर बताती हैं कि ब्रेन से संबंधित कई बीमारियों का इलाज आसानी से हो सकता है, लेकिन जरूरी है कि लोगों को इसके लक्षण की जानकारी हो और वह सही समय पर अस्पताल आएं. बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में डॉ. राजुल अग्रवाल बताती हैं कि अब डॉक्टर फंक्शनल एमआरआई और पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी जैसी तकनीकों के से न्यूरो संबंधी बीमारियों का इलाज करते हैं.
कई बीमारियों का आसानी से हो रहा इलाज
स्ट्रोक जो विकलांगता और मृत्यु का एक हड़ा कारण है इसके इलाज में भी काफी प्रगति हुई है. इनमें क्लॉट बस्टर ड्रग्स को शामिल किया है. यह वह दवाएं हैं जो स्ट्रोक के बाद ब्रेन में ब्लड सप्लाई को जल्दी से बहाल कर सकते हैं. पार्किंसंस डिजीज के लिए जीन थेरेपी और सर्जिकल तकनीकें अब उपलब्ध हैं. हालाँकि अभी भी अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसपर भी काम चल रहा है.
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचाव कैसे करे
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि सिर की चोटों से बचें. इसके लिए यह जरूरी है कि दोपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट लगाएं. पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें, धूम्रपान न करें , रोज ध्यान करें. व्यायाम या सैर भी करें. इससे मानसिक तनाव को दूर करने में मगग मिलती है.
डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर एवं डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों को कंट्रोल में रखें, ये सरल उपाय करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को कंट्रोल में रखा जा सकता है.