World Environment Day 2024 : क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस और क्या है इस साल की थीम?
एक बेहतर जिवन जिने के लिए पर्यावरण का अच्छा होना बहुत जरूरी है. लेकिन आजकल प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. सिर्फ कारखानों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं ही नहीं, इस बढ़ते प्रदूषण के पीछे बहुत के कारण जिम्मेदार है. ऐसे में इसे कम करना और पर्यावरण का बचाव करना बेहद जरूरी है. क्योंकि आज के समय में प्रदूषण के कारण अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी कई बीमारियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं.
प्रकृति से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर पर्यावरण को लेकर नागरिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए जगह-जगह पर कार्यक्रम किए जाते हैं. इस मौके पर वातावरण में हो रहे नुकसान के बारे में लोगों को बताया जाता है.
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन में किया गया था. जिसकी थीम पर्यावरण संरक्षण थी. इसके बाद हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया गया था. साल 1974 से 5 जून के दिन इस खास दिवस को मनाना शुरु कर दिया गया.
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम
इस खास दिन के लिए हर साल अलग-अलग थीम तय की जाती है. इस साल थीम का फोकस हमारी भूमि नारे के तरह भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है. पिछले साल 2023 विश्व पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान आधारित थी.
कारखानों और फैक्ट्रियों के अलावा आजकल प्रदूषण बढ़ने की बहुत ही वजह हैं. इंसान की बूरी आदतें जैसे पानी बर्बाद करना, दूषित करना और पेड़ों को काटना जैसी की चीजों की वजह से पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है. जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामान करेके भुगतना ही पड़ता है.
अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आपने देखा होगा कि लोग पहाड़ों और नदियों वाली जगह घूमने जाते हैं और वहां कूड़ा-कचरा फेंक देते हैं. जिनमें प्लास्टिक सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सबसे पहले खुद जागरूक होने और अपने आप में बदलाव लाने की भी जरूरत है.
विश्व पर्यावरण दिवस हमें सिर्फ एक दिन प्रकृति के बारे में सोचने के लिए नहीं, बल्कि हर दिन पर्यावरण के प्रति सचेत रहने और उसे बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझने और एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करता है. अगर हर एक व्यक्ति पौधे लगाना, वाहनों का इस्तेमाल कम करना, पानी बचाने से लेकर कई छोटे-छोटे कदम उठाकर आगे बढ़ेगा और पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाएगा तो इन छोटे-छोटे प्रयास से पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए ये बहुत जरूरी है.