World Heart Day 2024: युवा क्यों हो रहे हार्ट अटैक का शिकार, कैसे करें बचाव, एक्सपर्ट्स ने बताया
झारखंड में एक्साइज डिपार्टमेंट में सिपाही की भर्ती के लिए एक दौड़ परीक्षा हुई, जिसमें शामिल हुए कई युवकों की दौड़ के दौरान मौत हो गई. बताया गया कि उनको दौड़ते हुए हार्ट अटैक आया और उन्होने मौके पर ही दम तोड़ दिया. ये एक मामला नहीं है जो पिछले कुछ सालों में सामने आया हो. बल्कि ऐसे रोजाना नए-नए मामले सामने आ रहे है. कोई पार्टी में डांस करते हुए तो कोई जिम करते हुए हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है. ये सभी मामले ज्यादातर युवाओं में देखे जा रहे हैं
एक्सपर्ट्स की माने तो ये घटनाएं एक चेतावनी है. ऐसे में सभी लोगों को अपने दिल का अच्छे से ख्याल रखने की जरूरत है. इस साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे है. इसके जरिए लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है.
युवाओं को अपने दिल का खास ख्याल रखने की बेहद जरूरत है और साथ ही अपने दिल की सेहत को समय समय पर मॉनिटर करने की जरूरत है. इसके लिए हार्ट हेल्थ से जुड़े जोखिम को पहचानने के लिए ईसीजी और सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी जैसी तकनीकें उपयोग करने की जरूरत है.
क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले
युवा पीढ़ी में मेंटल स्ट्रेस, खराब और अनहेल्दी खाने की आदत, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रही हैं. यही वजह है कि हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट के मामलों में पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. इसलिए आज हार्ट हेल्थ को मॉनिटर करना जरूरी होता जा रहा है चाहे आप कितनी भी उम्र के हों.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स
धर्मशिला नारायणा अस्पताल, दिल्ली के डायरेक्टर एंड सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोलॉजी, डॉ. प्रदीप कुमार नायक कहते हैं कि हार्ट संबंधी बीमारियों को समय से पहले ही भांपने के लिए कई तकनीकें मौजूद हैं. जिसमें सीटी स्कैन और एंजियोग्राफी एक इनवेसिव इमेजिंग तकनीक है जो एक्स-रे तकनीक का उपयोग करके कोरोनरी धमनियों की विस्तृत 3डी इमेजिंग प्रदान करती है जिससे समय रहते कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा समय रहते भांपना आसान हो जाता है.
कैसे करें दिल की बीमारियों से बचाव
वही डॉ. रचित सक्सेना, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियक सर्जन, नारायणा अस्पताल कहते हैं कि आज युवा पीढ़ी में हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बेहद आम हो गई हैं, जिसे लोग अनदेखा कर देते हैं. वही लोग अब काफी कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं. युवा वर्ग यही सोचता है कि वो पूरी तरह से स्वस्थ है इसलिए अपना रेगुलर हेल्थ चेकअप नहीं करवाते जो कि बेहद खतरनाक है और जिसके अपने कई नुकसान हैं. जबकि आज के लाइफस्टाइल को देखते हुए 30 साल की उम्र के बाद ही हर किसी को अपना हर साल रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाना चाहिए. जो कि आपको हार्ट से संबंधित बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है.