World War से है डोनट्स का रिश्ता! जानिए 100 साल पुरानी डिश कैसे बनी बच्चों की फेवरेट
National Donut Day 2024: डोनट का नाम सुनते हैं बच्चों के चेहरे की खुशी देखने लायक होती है. लेकिन स्वीट डिश डोनट न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी शौक से खाना पसंद करते हैं. दरअसल, डोनट को मैदा और शुगर के साथ डीप फ्राई करके बनाया जाता है. इसके ऊपर चॉकलेट या दूसरे फ्लेवर्स की कोटिंग की जाती है. इस पर कई तरह के स्प्रिंकलर भी स्प्रेड किए जाते हैं.
डोनट की बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते हुए हर साल जून के पहले शुक्रवार को नेशनल डोनट डे मनाया जाता है. इस बार ये दिन 7 जून को सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस दिन को डोनट लस्सीज को श्रद्धांजलि देने के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि नेशनल डोनट डे के इतिहास के बारे में…
क्या है डोनट डे का इतिहास
इसका इतिहास जानने के लिए आपको पहले विश्व युद्ध के समय में लिए चलते हैं. फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में अमेरिका के लाखों लोगों ने हिस्सा लिया. कई देशों के बीच युद्ध की स्थिती होने पर लोगों को फ्रंट लाइन पर भेजना मुश्किल था. साल 1907 में साल्वेशन आर्मी ने महिलाओं के एक जत्थे को फ्रांस में फ्रंट लाइन पर लड़ने के लिए भेजा.
वहां पहुंचकर महिलाओं ने अस्थायी झोपड़ियां बनाईं- जहां लड़ाई के दौरान सैनिक आराम करने के साथ-साथ अपनी जरूरतों का सामान रख सकें. इस दौरान महिला सैनिकों के बीच बेक्ड मिठाईयां बांटे जाने का सिलसिला शुरू हुआ. इन डोनट्स को सैनिकों के हेलमेट के अंदर पकाया जाता था और इन्हें डौबॉय के नाम से जाना जाता था. इसी के बाद सेडोनट्स दुनिया भर में लाखों लोगों का पसंदीदा व्यंजन बन गया.
हो गया है अनहेल्दी
बेशक, एक इनोवेशन के साथ डोनट पूरे विश्व में पॉपुलर हो गए लेकिन ये अब ये काफी अनहेल्दी भी हैं. इन्हें ज्यादा खाने से हेल्थ को कई तरह से नुकसान हो सकते हैं. इसे ज्यादा चीनी और मैदे का इस्तेमाल करके बनाया जाता है, जिससे कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है और मोटापा होने का डर रहता है. इसके अलावा, डीप फ्राई होने की वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में बच्चों को ज्यादा डोनट्स न खाने दें.