यर्जुवेद से लेकर कर्मकांड…जानें कौन थे मुख्य पुजारी जिन्होंने कराई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हो चुके है और आम जनता के लिए उनका दरबार भी खुल गया है. पहले दिन करीब 8 लाख लोगों ने मंदिर में प्रभु श्रीराम का दर्शन किए और दूसरे दिन भी यह भीड़ लगी रही. प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान पीएम मोदी रहे और प्राण प्रतिष्ठा पूजा काशी के विद्वान आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कराया.
लक्ष्मीकांत दीक्षित काशी के प्रकांड विद्वानों में से एक है. इतना ही नहीं वो यर्जुवेद के अच्छे जानकार भी है. इसके अलावा पूजा पद्धति और कर्मकांड में उनकी अच्छी पकड़ है. काशी के तंग गलियों के बीच मीरघाट पर उनका आवास है.इसके अलावा वो मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य भी है. बताते चलें कि इसी वेद विद्यालय से उन्होंने यर्जुवेद की पढ़ाई कर ज्ञान प्राप्त भी किया है ।
चाचा से लिया था अनुष्ठानों का ज्ञानलक्ष्मीकांत के बेटे अरुण दीक्षित ने बताया कि उनके पिता जी ने अपने चाचा स्वर्गीय गणेश दीक्षित भट्ट से वेद और अनुष्ठानों का ज्ञान लिया था. बताते चलें कि लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले है लेकिन बीते कई पीढ़ियों से उनका पूरा परिवार काशी में प्रवास कर रहा है.
पूर्वज कई राजघरानों में कराते थे पूजालक्ष्मीकांत दीक्षित के बेटे सुनील दीक्षित ने बताया की उनके परिवार के लोग कई राजघरानो में पूजा अनुष्ठान भी कराते थे. इसके अलावा 17 वीं शताब्दी में उनके पूर्वज पंडित गंग भट्ट ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भी कराया था. लक्ष्मीकांत दीक्षित उनके ही वंशज है.