ओला-उबर के वॉलेट से नहीं कर सकेंगे पेमेंट, कंपनी ने बताया भुगतान का नया तरीका
नई दिल्ली. ओला, उबर और रैपिडो से कैब या बाइक बुक करके ऑफिस आते-जाते हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है. तीनों ही कंपनियों ने अपने ऐप के वॉलेट से राइड का पेमेंट करना बंद कर दिया है.
अब आपको ओला, उबर या रैपिडो के वॉलेट से अपनी राइड का पेमेंट करने का ऑप्शन नहीं मिलेगा. कंपनियों ने अपनी सेवा को और सरल बनाने व टैक्स बचाने के लिए यह तरीका खोज निकाला है.
दरअसल, ओला अथवा उबर पर सेवाएं दे रहे ऑटो ड्राइवर्स ने नम्मा यात्री (Namma Yatri) जैसे ऐप पर जाना शुरू कर दिया था. इस माइग्रेशन को रोकने के लिए कंपनियों ने यह दांव चला है. इसके अलावा जीएसटी बचाने के लिए भी कंपनियों ने अब वॉलेट से भुगतान बंद कर दिया है. इसके बजाए अब राइड के बाद सीधे ड्राइवर को भुगतान करना होगा. इसका मतलब हुआ कि वॉलेट में रखे पैसे का इस्तेमाल राइड के लिए नहीं कर सकेंगे. कुछ कंपनियों ने ऑप्शन देना शुरू कर दिया है, जिसमें वॉलेट से करने पर ज्यादा पैसा लगता है और डायरेक्ट ड्राइवर को देने में कम खर्च आता है.
कैश या फिर यूपीआई से भुगतान
ऐप का इस्तेमाल करने वालों को पता होगा कि ओला मनी, उबर कैश और रैपिडो वॉलेट जैसे ऑप्शन से अभी तक राइड का भुगतान करते थे, लेकिन अब यूपीआई या कैश के जरिये ड्राइवर को भुगतान किया जाएगा. राइड पूरी होने के बाद ऐप पर जो भी किराया दिखेगा, उसका भुगतान ड्राइवर को कैश के रूप में किया जा सकता है या फिर यूपीआई पेमेंट का ऑप्शन मिलेगा.
टैक्स बचाने का है जुगाड़
मनीकंट्रोल के मुताबिक, कंपनी के एक टॉप एग्जीक्यूटिव ने बताया कि यह पूरी तरह बाजार का खेल है. अगर हम एक ऐसा फीचर देते हैं, जो सीधे ड्राइवर को भुगतान का विकल्प देता है, साथ ही टैक्स भी बचाता है. टैक्स की इस बचत का फायदा कंपनी के साथ ड्राइवर को भी होगा. इससे राइड सस्ती होगी तो ग्राहक भी ज्यादा आकर्षित होंगे और बिजनेस बढ़ेगा.
अब हर राइड पर नहीं मिलेगा कमीशन
ओला, उबर और रैपिडो ने सिर्फ यूजर्स के लिए ही बदलाव नहीं किया है, बल्कि ड्राइवर के लिए भी बड़ा बदलाव किया है. कंपनियों ने कहा है कि अब हर राइड पर कमीशन देने के बजाए सब्सक्रिप्शन मॉडल पर ड्राइवर को भी भुगतान किया जाएगा. कंपनियों का कहना है कि फील्ड के दूसरे सेवा प्रदाता इस मॉडल पर काम कर रहे हैं तो हमें भी इस पर शिफ्ट करना चाहिए.