15 साल की उम्र तक अपनी लाड़ली को जरूर सिखा दें ये 5 चीजें, शेरनी की तरह रहेगी जिंदगीभर, किसी भी काम के लिए नहीं देखेगी दूसरों का मुंह
पेरेंटिंग (Parenting) एक जिम्मेदारी वाला काम है. एक बच्चे (Kids) को किस तरह एक बेहतर और जिम्मेदार इंसान बनाया जाए, यह आपकी परवरिश पर निर्भर करता है. वैसे तो बच्चे जन्म के साथ धीरे धीरे चीजें सीखना शुरू कर देते हैं, लेकिन माता पिता की यह जिम्मेदारी है कि बच्चों को सही रास्ता दिखाया जाए और समय रहते सही उम्र में आत्मनिर्भर बना दिया जाए. जब बच्चे अपना काम खुद करने लगते हैं या छोटी छोटी जिम्मेदारियों को निभाने लगते हैं, तो उनकी पर्सनैलिटी में भी निखार आता है और वे बुरे हालातों से लड़ना भी सीख जाते हैं. यही नहीं, बच्चों को सही उम्र में कुछ जरूरी बातों को सिखा देना माता पिता के लिए भी आसान होता है. तो आइए जानते हैं कि 15 साल से पहले बच्चों को क्या क्या चीजें सिखा देनी चाहिए.
अपनी बेटी को खुद ट्रैवल करना जरूर सिखा देना चाहिए. ऐसा करने से इमरजेंसी में वे किसी मुश्किल हालात में नहीं फसेंगे और जिम्मेदारी के साथ अकेले ट्रैवल कर सकेंगे. कई बार देखा जाता है कि लड़कियां कहीं अकेले जाने से डरती हैं और इसी एक छोटे से डर की वजह से वो जिंदगी में बहुत से मकाम पा नहीं सकती ।
बेटी की उम्मीदें पूरी करें, लेकिन उसे सिखाएं खुद का ख्याल रखना
अक्सर ऐसा होता है कि हम बेटियों की हर इच्छा को पूरा कर देते हैं. यह सोचकर कि उसे बाद में कैसा जीवन मिले पता नहीं आप उसका पूरा ख्याल रखते हैं और उसे किसी भी चीज की चिंता नहीं करने देते, तो यह उसके आगे के जीवन में मुसिबत को ला सकता है. बेटी को खुद का ख्याल रखना भी सिखा देना चाहिए. अगर तबीयत खराब होती है या बुखार आ जाता है तो क्या करना होगा आदि भी उन्हें सिखाना जरूरी है. उन्हें हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने की आदत भी कम उम्र में ही दे देना चाहिए.
बेटी को बताएं पैसों का वैल्यू करना है जरूरी
अपनी बेटी को एक सफल इंसान बनने के लिए उसे कम उम्र से ही पैसे का वैल्यू करना भी सिखा देना जरूरी होता है. जब उन्हें सेविंग की आदत हो जाती है तो वे पैसे बर्बाद करना छोड़ देते हैं और सही काम में पैसे खर्च करते हैं ।
बेटी और बेटा दोनों को बताएं सफाई रखना कितना जरूरी है
15 साल से पहले ही बच्चों को हाइजीन का महत्व बताना और अपने आसपास साफ सुथरा रखना जरूर सिखा दें. अगर वह कम उम्र से ही झाड़ू मारना, पोछा लगाना, डस्टिंग या टायलेट क्लीनिंग आदि सीख लेते हैं तो लाइफ टाइम उन्हें परेशानी नहीं होगी.
समय का महत्व
बच्चों को जितनी कम उम्र में समय का महत्व समझ आ जाए, उतना ही उनके लिए अच्छा होगा. आप उन्हें टाइम सेविंग का तरीका बताएं, रिटीन बनाना और उसे फॉलो करना सिखाएं ।