इन 3 बैंकों में हमेशा सुरक्षित रहेगा आपका पैसा, RBI ने बताई लिस्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने दावा किया है कि देश में तीन ऐसे बैंक हैं, जो कभी नहीं डूब सकते। इन बैंकों में जमा पैसा किले की तरह सुरक्षित रहता है।
आरबीआई का यह दावा देश के करोड़ों लोगों में एक भरोसा जगाता है। साथ ही यह सवाल भी पैदा करता है कि आखिर ऐसी क्या चीज है जो इन बैंकों को इतना भरोसेमंद बनाती है और अन्य बैंक इन मानकों पर खरे क्यों नहीं उतर पाते हैं।
रिजर्व बैंक ने बीते सप्ताह देश के तीन बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टमेटिकली इम्पोर्टेंट बैंकों (Domestic Systemically Important Banks D-SIBs) की श्रेणी में डाला है।
इसका मतलब है कि एसबीआई, आईसीआईआई और एचडीएफसी बैंक देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे जरूरी बैंकिंग संस्थान हैं। मजेदार बात यह है कि इस सूची में एक सरकारी और दो प्राइवेट बैंकों का नाम आता है।
क्या है इनकी खासियत
बैंक कर्मचारी राष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष अश्विनी राणा का कहना है कि इन बैंकों के पास असेट बेस यानी संपत्ति का आधार इतना मजबूत है कि वे किसी भी आर्थिक बोझ को सह सकते हैं। देश के सबसे बड़े बैंकों में शुमार होने के साथ ही इन बैंकों के पास लोन से ज्यादा असेट हैं।
जाहिर है कि इनके डूबने का खतरा किसी भी परिस्थिति में नहीं है, क्योंकि लोन के डूबने के बावजूद इनके कामकाज कोई असर नहीं होगा। इन बैंकों का एनपीए भी तेजी से घट रहा है और ज्यादातर निवेश सुरक्षित विकल्पों में किए गए हैं। इस कारण 3 बैंकों की बैलेंस शीट काफी मजबूत है।
जोखिम को करीब भी नहीं आने देते बैंक
बैंक बाजार डॉटकॉम के बैंकिंग एक्सपर्ट हेमंत एआर का कहना है कि SBI, HDFC और ICICI जैसे बैंकों का फंसा हुआ कर्ज काफी कम है। सिर्फ एसबीआई की बात करें तो उसके बांटे कुल कर्ज में एनपीए का हिस्सा सिर्फ 0.67 फीसदी है।
बैंकों ने अपनी कर्ज वसूली में काफी ग्रोथ हासिल की है। इनकी फाइनेंशियल कंडीशन भी काफी मजबूत है। वित्तवर्ष 2022-23 के अनुसार, SBI के पास कुल 55,16,979 करोड़ रुपये के असेट हैं, जबकि बैंक का कुल लोन पोर्टफोलियो 32,69,242 करोड़ रुपये है।
बैंक में ग्राहकों के कुल 44,23,778 करोड़ रुपये जमा हैं। स्पष्ट है कि इस बैंक ने जितना लोन बांटा है, उससे करीब दो गुना संपत्ति बना रखी है। इन बैंकों के पास पूंजी की कमी नहीं है। बैंकों का जोखिम प्रबंधन काफी मजबूत है और लोन वसूलने की प्रक्रिया में भी तेजी आ रही है।
सुरक्षित निवेश से पैदा होता है भरोसा
बीते दिनों अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व सहित दुनियाभर के बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। आरबीआई ने भी लगातार 6 बार रेपो रेट बढ़ाते हुए 6।25 फीसदी कर दिया।
ऐसे में अपने ग्राहकों को ज्यादा रिटर्न दिलाने के लिए एसबीआई ने अपनी निवेश रणनीति में बदलाव किया। बाजवूद इसके बैंक अपनी ज्यादातर पूंजी को सुरक्षित विकल्पों में ही निवेश करते हैं।
एसबीआई की बात करें तो 2022-23 में निवेश का पोर्टफोलियो 6।3 फीसदी बढ़कर 15।87 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसमें से 96 फीसदी निवेश घरेलू विकल्पों में किए गए हैं।
एसबीआई का 62.94 फीसदी निवेश हेल्ड टू मेच्योरिटी (HTM) श्रेणी में जाता है। ये ऐसे विकल्प होते हैं, जिसमें जमा पैसों की मेच्योरिटी डेट होती है। इन वकल्पों से बैंक को 6.51 फीसदी रिटर्न प्राप्त होता है।
तकनीक से हो रहा विस्तार
हेमंत एआर का कहना है कि इन बैंकों ने तकनीकी विकास को तेजी से अपनाया है। वीडियो केवाईसी जैसी सुविधाओं ने बैंक की सेवाओं को रिमोट एरिया तक पहुंचाने में मदद की है।
इन बैंकों ने अपने फंसे कर्ज की भी काफी हद तक वसूली कर ली है। इससे बैंकों का मुनाफा बढ़ने लगा है। सिर्फ एसबीआई को देखें तो बीते वित्तवर्ष में इस बैंक को 50,232 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है।
पैसा डूबा तो क्या सरकार लेगी गारंटी
बैंक बाजार के एक्सपर्ट हेमंत एआर का कहना है कि इन बैंकों में जमा ग्राहकों का पैसा काफी सुरक्षित है और इनके डूबने का जोखिम न के बराबर है। जैसे ही इन बैंकों की वित्तीय हालत में खराबी आती है
तो सरकार रिवर्ज बैंक के जरिये दखल देती है। ग्राहकों के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए ही सरकार 5 लाख रुपये तक जमा पर गारंटी भी लेती है। DICGC योजना के तहत जमाकर्ताओं के पैसों को सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव कोशिश की जाती है। इनके डूबने से पहले ही सरकार ने आर्थिक मदद देकर इन्हें उबारने का प्लान बी भी तैयार रखा है।