किसने की थी चाय की खोज? जान लें कितना पुराना है इसका इतिहास

भारत समेत दुनियाभर में चाय पीना पसंद किया जाता है. मौसम चाय जो भी हो, लेकिन चाय लवर्स अपनी इस फेवरेट ड्रिंक को कभी न नहीं कहते हैं. कड़क गर्म चाय की प्याली के साथ लोग अपने दिन की शुरुआत करते हैं. कुछ लोगों को चाय की इस कदर आदत होती है कि उन्हें दिन में कई बार चाय चाहिए होती है. फिलहाल इस पर तो डिबेट ही रहती है कि चाय सेहत के लिए कितनी अच्छी है या नुकसानदायक. फिलहाल अगर आप चाय लवर हैं तो क्या आपने कभी सोचा है कि चाय बनने की शुरुआत कैसे हुई.
दार्जिलिंग से लेकर असम, मुन्नार, कांगड़ा चाय तक, हमारे देश में चाय की कई मशहूर किस्में उगाई जाती हैं. नींद को दूर करने के लिए सुबह उठते ही चाय पीना हो या फिर काम के बीच में सुस्ती उतारनी हो. चाय आज सबसे लोकप्रिय ड्रिंक्स में से एक है और सोशल मीडिया पर तो लोग चाय को मोहब्बत, इश्क, प्यार और न जाने कितने नामों से पुकारते हैं. फिलहाल जान लेते हैं कि चाय की खोज कैसे हुई और किस तरह ये बन गई लोगों की फेवरेट.
कितने साल पुराना है चाय का इतिहास?
चाय के इतिहास की बात करें जो 750 ईसा पूर्व इसके बारे में जिक्र मिलता है. शायद आपको हैरानी हो कि जो चाय आज दुनियाभर में सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय ड्रिंक्स में से एक है, उसके इस्तेमाल के बारे में कहानियां मिलती है कि बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बोधिधर्म में बिना सोए प्रार्थना की जाती थी और इस दौरान जागे रहने के लिए वह एक खास किस्म की पत्तियों को चबाया करते थे और बाद में यह चाय के पौधे के रूप में जाना गया.
इसके अलावा चाय की खपत का रिकॉर्ड चीन के पास माना जाता है, जो संभवत 10वीं शताब्दी ईसा पूर्व है. ऐसे साक्ष्य मिलते हैं कि हान राजवंश के सम्राट चाय पिया करते थे. हालांकि इसके नमूनों की पहचान कैमेलिया चाय के रूप में हुई और इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता था.
चाय की खोज को लेकर कहानियां
चाय के बारे में एक किवदंती ये भी मिलती है कि चीनी शासक शेन्नाग्न एक बार गर्म पानी पी रहे थे और उस दौरान उनके कटोरे में पास के पेड़ से कुछ पत्तियां उड़कर गिर गईं. जिसके बाद पानी के रंग में बदलाव आ गया और सम्राट ने उसका एक घूंट लिया. वह इसके स्वाद और गुणों से हैरान रह गए. किवदंती में कहा जाता है कि शेन्नॉग औषधीय जड़ी-बूटियों को खोजने के लिए पेड़ों की पत्तियों, तना और जड़ आदि को चबाकर देखते थे.
भारत में चाय की कैसे हुई शुरुआत
आज चाय के सबसे बड़े उत्पादक देशों में भारत का नाम भी शामिल है और यहां से चाय का निर्यात भी किया जाता है. भारत में चाय की शुरुआत के बारे में बात करें तो ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा चाय के व्यवसायिक बागान शुरू किए गए थे. चाय के पौधों की खोज 1824 में असम और बर्मा की सीमा के बीच पहाड़ियों पर मानी जाती है. और इसके बाद 1836 में भारत में इसका उत्पादन शुरू किया गया था. यह भी कहा जाता है कि अंग्रेजों ने चाय पर चीन के एकाधिकार को तोड़ने के लिए चाय को व्यावसायिक रूप से उगाना शुरू किया था.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *