चुनावी मौसम में निवेशक हुए मालामाल, जेब में आ गए 26 लाख करोड़

जब से लोकसभा चुनाव शुरू हुए हैं, तब से शेयर बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है. इसका ताजा उदाहरण सोमवार को दिखाई दिया. जब सुबह शेयर बाजार में 500 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिली और बीएसई का सेंसेक्स 76 हजार अंकों को पार कर गया. जब बाजार बंद हुआ तो करीब 20 अंकों की गिरावट थी. इसका मतलब है कि शेयर बाजार में लोकसभा चुनावों का असर साफ देखने को मिल रहा है. खास बात तो ये है कि जब से जब से लोकसभा इलेक्शन शुरू हुआ है, तब से बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 3500 से ज्यादा अंकों की तेजी देख चुका है. वहीं शेयर बाजार निवेशकों की झोली में 26 लाख करोड़ रुपए आ चुके हैं. आइए आपको भी आंकड़ों की भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं कि आखिर चुनावों में शेयर बाजार निवेशक किस तरह से मालामाल हुए हैं.
बीएसई में 3500 से ज्यादा अंकों की तेजी
लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ था. उस दिन बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 71,816.46 अंकों के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया था. जबकि सोमवार को शेयर बाजार 75,390.50 अंकों पर बंद हुआ. इसका मतलब है कि सेंसेक्स में इस बीच 3,574 अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी है. इसका मतलब है कि सेंसेक्स निवेशकों को इस बीच करीब 5 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. वैसे सोमवार को सेंसेक्स 76000 अंकों के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था. इंट्रा डे में सेंसेक्स में 500 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिल चुकी थी. लेकिन जब शेयर बाजार बंद हुआ तो सेंसेक्स मेंं करीब 20 अंकों की मामूली गिरावट देखी गई.
एनएसई में भी आई तेजी
वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव के दौरान शेयर बाजार निवेशकों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भी काफी फायदा सौदा साबित हुआ है. 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग वाले दिन निफ्टी 21,777.65 अंकों के साथ लोअर लेवल पर देखने को मिला था. उसके बाद से इसमें काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल चुका है 27 मई को निफ्टी 22,932.45 अंकों पर बंद हुआ. इसका मतलब है कि तब से अब तक निफ्टी में करीब 1155 अंकों का इजाफा देखने को मिल चुका है. वैसे निफ्टी सोमवार को 23,110.80 अंकों के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया था. बाजार बंद होने के बाद एक्सचेंज लाल निशान पर दिखाई दिया.
निवेशकों की जेब में 26 लाख करोड़ रुपए
अगर बात निवेशकों की करें तो पहले फेज से अब तक निवेशकों की झोली में 26 लाख करोड़ रुपए आ चुके हैं. वास्तव में निवेशकों का फायदा और नुकसान बीएसई के मार्केअ कैप से जुड़ा हुआ होता है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार 19 अप्रैल को जब बाजार बंद हुआ तो बीएसई का मार्केट कैप 3,93,45,528.92 करोड़ रुपए था. जोकि 27 मई को बढ़कर 4,19,95,493.34 करोड़ रुपए हो गया. इसका मतलब है कि बीएसई के मार्केट कैप में इस दौरान 26.50 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ. यही शेयर बाजार निवेशकों का मुनाफा भी है. जानकारों की मानें तो शेयर बाजार निवेशकों को और भी ज्यादा फायदा हो सकता है.
क्या कहते हैं एतिहासिक आंकड़ें
हिस्टोरिकल ट्रेंड को समझने की कोशिश करें तो पता चलता है कि शेयर बाजार में हलचलें शायद यहीं नहीं रुकेंगी. पिछले सभी 4 चुनावों में नतीजों से पहले वाले हफ्ते की बात करें तो काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था. 2004 में, जब कांग्रेस की यूपीए सरकार ने एनडीए से सत्ता छीनी थी, तो परिणाम आने से पहले वाले हफ्ते में निफ्टी में 21.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. वहीं 2009 के चुनावों में, यूपीए सरकार बरकरार रही थी तो डी-डे से पहले 5 दिनों में निफ्टी लगभग 22 फीसदी बढ़ गया था. 2014 में, जब नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रचंड बहुमत के साथ लोकसभा चुनाव जीता था, तो परिणाम-पहले सप्ताह में निफ्टी में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. 2019 के चुनाव में निफ्टी में भी 3.5 फसदी की बढ़ोतरी देखी गई. अब सबसे बड़ा सवाल से है कि 2024 के इलेक्शन के परिणाम पूर्व सप्ताह में निफ्टी का किस तरह का रुख देखने को मिलेगा.

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