ये 5 हैबिट्स बढ़ती उम्र में जवां रखेंगी आपका दिमाग, याददाश्त रहेगी तेज-तर्रार

उम्र बढ़ने के साथ हमें अपनी फिजिकल हेल्थ का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती ही है, लेकिन मेंटल हेल्थ को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अक्सर देखने में आता है कि बढ़ती उम्र के साथ लोगों की याद रखने की क्षमता पर फर्क पड़ने लगता है और वह चीजें भूलने लगते हैं. बुजुर्गों में अल्जाइमर बीमारी (ज्यादा बेचैनी, भ्रमित हो जाना, याददाश्त पर असर पड़ना) काफी देखने में आती है.
अल्जाइमर को वैसे तो बढ़ती उम्र…आमतौर पर 65 साल के बाद का रोग माना जाता है, लेकिन कई बार यह समस्या इस उम्र से पहले भी हो सकती है. इसके अलावा मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षति होने पर डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है. इसमें भी व्यक्ति की बात करने की क्षमता, सोच, बिहेवियर, इमोशन आदि पर फर्क पड़ने लगता है, हालांकि ये बढ़ती उम्र की बीमारी नहीं मानी जाती है. फिलहाल जान लेते हैं कि एक उम्र के बाद मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए क्या करना चाहिए.
मेंटल एक्सरसाइज करना है जरूरी
डेली कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी न सिर्फ आपको फिट और शारीरिक रूप से हेल्दी रखती हैं, बल्कि यह आपकी कॉग्नेटिव हेल्थ के लिए भी सही है. इसके अलावा जिस तरह डेली फिजिकल वर्कआउट या फिर योग आदि को रूटीन में शामिल करते हैं, ठीक उसी तरह से अपने ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए मेडिटेशन आदि के अलावा मेंटली कुछ एक्टिविटीज करते रहना चाहिए.
खाना भी डालता है आपकी मेंटल हेल्थ पर असर
जो भी हम खाते हैं उसका सीधा असर न सिर्फ हमारी फिजिकल हेल्थ पर होता है, बल्कि इससे हमारी ब्रेन की हेल्थ भी जुड़ी होती है. फ्रूट्स, वेजिटेबल्स, साबुत अनाज, नट्स और प्रोटीन युक्त लिक्विड चीजें आपके ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव करने में हेल्प करती हैं और आप अल्जाइमर आदि के रिस्क से बचे रहते हैं.
दिमाग को ब्रेक देना है बेहद जरूरी
फिजिकल के अलावा कॉग्नेटिव (सोचने समझने की क्षमता) हेल्थ को दुरुस्त बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आपके दिमाग को अच्छी तरह रिलैक्स होने के लिए भी समय मिले. इसके लिए सबसे सही तरीका होता है कि रोजाना आप 8 घंटे की अच्छी नींद लें. कम नींद की वजह से स्ट्रेस, मूड स्विंग जैसी प्रॉब्लम बढ़ने के साथ ही कई शारीरिक बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है.
सोशल लाइफ को बढ़ाना है जरूरी
मेंटल हेल्थ को अच्छा रखने में सोशल इंटरैक्शन बड़ी भूमिका अदा करता है. फैमिली और फ्रेंड्स के साथ हैंगआउट करना जैसी चीजें स्ट्रेस, डिप्रेशन, से बचाव करने और ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव करने में हेल्प फुल रहती हैं. इस तरह से सोशल कनेक्शन न सिर्फ जरूरत पड़ने पर काम आते हैं, बल्कि आपको हेल्दी रखने में भी मदद करते हैं.

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