अपने IRCTC अकाउंट से दूसरे का टिकट बुक करने पर क्या होगी जेल? IRCTC ने बताई सच्चाई
इंडियन रेलवे से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. जिसमें से ज्यादातर लोग ट्रेन का टिकट स्टेशन के बजाए ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म IRCTC से खरीदते हैं टिकटों की ये खरीद उसकी वेबसाइट, मोबाइल ऐप या थर्ड पार्टी साइट से की जा सकती है, जिसके लिए आपको एक लॉगिन आईडी बनानी होती है. अब कई कार ऐसा होता है कि लोग अपनी टिकट ही नहीं बल्कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की टिकट भी अपनी ही लॉगिन आईडी से कर देते हैं. ऐसे में क्या उन्हें दूसरों का टिकट बुक करने पर जेल हो सकती है? सोशल मीडिया पर इस तरह की कई खबरें प्रसारित हो रही है जिस पर अब IRCTC ने हर एक बात साफ कर दी है…
क्या है मामला?
हाल ही में अफवाह उड़ी थी कि अगर आप अपने IRCTC अकाउंट से दूसरों का टिकट बुक करते हैं तो आपको जेल की सजा हो सकती है. जिसपर अब ऑनलाइन रेल टिकट बुक करने वाली प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे उन खबरों को निराधार और भ्रामक बताया है जिसमें कहा गया है कि अलग सरनेम के चलते ई-टिकट की बुकिंग करने पर बंदिशें लगा दी गई है. आईआरसीटीसी ने ऐसे गलत खबरों को फैलाने से बचने की नसीहत दी है. अपने स्पष्टीकरण में आईआरसीटीसी ने कहा, उसके साइट पर टिकट की बुकिंग रेलवे बोर्ड के गाइडलाइंस के तहत की जाती है.
IRCTC ने दी सफाई
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे पोस्ट वायरल हो रहे थे जिसमें कहा गया कि अगर किसी का सरनेम कुछ और है तो वो अपने टिकट बुकिंग अकाउंट से दूसरे सरनेम वाले व्यक्ति का आईआरसीटीसी के वेबसाइट या ऐप पर टिकट बुक नहीं कर सकेगा. और दूसरे सरनेम के टिकट बुक करने पर सजा भी हो सकती है. इस खबर के वायरल होने के बाद आईआरसीटीसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, सोशल मीडिया में जो न्यूज सर्कुलेशन में है कि दूसरे सरनेम पर टिकट बुकिंग पर बंदिशें लगा दी गई है ये पूरी तरह गलत और भ्रामक है.
The news in circulation on social media about restriction in booking of e-tickets due to different surname is false and misleading. pic.twitter.com/xu3Q7uEWbX
— IRCTC (@IRCTCofficial) June 25, 2024
क्या कर सकते हैं दूसरों का टिकट बुक?
आईआरसीटीसी ने अपने पोस्ट में कहा, कोई भी व्यक्ति अपने यूजर आईडी से अपने दोस्त, परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए टिकट बुक कर सकता है. हर महीने एक यूजर 12 टिकट की बुकिंग कर सकता है. अगर आधार से यूजर अपनी पहचान के सत्यापन साबित करता है तो वो 24 टिकट हर महीने बुक कर सकता है. आईआरसीटीसी ही नहीं भारतीय रेल के प्रवक्ता ने भी एक्स पर अपने पोस्ट में इस खबर को भ्रामक बताया है.
The news in circulation on social media about restriction in booking of etickets due to different surname is false and misleading. pic.twitter.com/jLUHVm2vLr
— Spokesperson Railways (@SpokespersonIR) June 25, 2024
इस काम पर होगी कार्रवाई
आईआरसीटीसी का कहना है कि आप अपनी पर्सनल यूजर आईडी से जो टिकट बुक करते हैं, उसका इस्तेमाल कमर्शियली नहीं कर सकते. इसका मतलब ये हुआ कि आपो उस टिकट को कहीं और बेच नहीं सकते, क्योंकि इस काम के लिए आईआरसीटीसी एजेंट आईडी अलग से जेनरेट करती है. एजेंट जब उसके प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करके टिकट बुक करते हैं, तब उनका कमीशन टिकट की कीमत में खुद ब खुद जुड़ जाता है. इसलिए कोई व्यक्ति अगर अपनी पर्सनल लॉगिन आईडी से बुक किए गए टिकट की सेल करता है, तो उसे अपराध माना जाता है. रेलवे एक्ट-1989 के सेक्शन 143 के तहत इसमें सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.