अभिषेक बनर्जी भड़के तो जया बच्चन भी हुईं नाराज़…विपक्ष लगाता रहा है संसद में पक्षपात के आरोप

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, सदन में NEET-UG पेपर लीक और बजट में राज्यों की अनदेखी समेत कई मुद्दों को लेकर विपक्ष के तेवर आक्रामक हैं. मंगलवार को पेश हुए केंद्रीय बजट के बाद तो विपक्ष सरकार पर और हमलावर है. बुधवार को विपक्ष ने एक ओर बजट में देश के बाकी राज्यों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया तो वहीं दूसरी ओर लोकसभा स्पीकर पर एक बार फिर पक्षपात का आरोप लगाया गया.
TMC सांसद अभिषेक बनर्जी बुधवार को जब बजट पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे तो उन्होंने 2016 की नोटबंदी का जिक्र किया, इस बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोक दिया कि वह फिलहाल वर्तमान मुद्दे(बजट) पर बोलें. स्पीकर ओम बिरला की इस टिप्पणी पर अभिषेक बनर्जी समेत तमाम TMC सांसदों ने आपत्ति जताई और हंगामा करने लगे. वहीं अभिषेक बनर्जी ने ओम बिरला पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि, “कोई 60 साल पहले जवाहरलाल नेहरू की बात करेगा तब आप कुछ नहीं बोलेंगे, जब बिप्लब देव बोल रहे थे तब 100 साल पुरानी बात कर रहे थे, 50 साल पुरानी इमरजेंसी की बात कर रहे थे तब आप चुप रहे. अब मैं नोटबंदी पर बात कर रहा हूं तो आपको चुभ रहा है.”
जब राज्यसभा में नाराज़ हुईं जया बच्चन
ऐसा ही मामला राज्यसभा से भी सामने आया. राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ पर भेदभाव का आरोप लगाया. दरअसल कल राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुजरात से बीजेपी सांसद केसरीदेव सिंह झाला ने जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से राज्य में पानी की उपलब्धता के लिए उपलब्ध योजनाओं के बारे में पूछा. इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि पेयजल और कृषि प्रयोजनों के लिए पानी गुजरात के हर गांव तक पहुंच रहा है.
इसी को लेकर जया बच्चन सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछना चाह रहीं थीं, इस बीच सत्ता पक्ष की ओर से कुछ सांसद टोका-टाकी करने लगे. बस इसी बात को लेकर जया बच्चन नाराज़ हो गईं उन्होंने सभापति से कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं कि किसी सांसद और मंत्री खड़े होकर मुझसे सवाल करे आप यहां बैठे हैं आप उन्हें टोकते नहीं हैं हमारे यहां से कोई खड़ा हो जाए तो आप उसे टोक देते हैं, मैं आपसे ये उम्मीद नहीं करती हूं. हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मैं सभी के साथ निष्पक्ष हूं.
लोकसभा या राज्यसभा में यह कोई पहला मामला नहीं है जब स्पीकर या सभापति पर विपक्ष ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया हो, इससे पहले भी विपक्ष के कई बड़े नेता इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं.
माइक बंद से लेकर संविधान की रक्षा का उठा मुद्दा
1. इसी साल 28 जून को नीट पेपर लीक मामले को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ. इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से कहा कि, “सर माइक दे दीजिए”, इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें जवाब दिया कि माइक मैं बंद नहीं करता हूं, यहां कोई बटन नहीं होता.
राहुल गांधी इससे पहले भी लोकसभा स्पीकर पर माइक बंद करने का आरोप लगाते रहे हैं. कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी आरोप लगाते रहे हैं कि संसद में जब वो बोलते हैं तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है. यही नहीं राहुल गांधी के बोलने के दौरान उन्हें स्क्रीन पर ना दिखाकर स्पीकर को दिखाए जाने का आरोप भी कांग्रेस लगाती रही है. वहीं ओम बिरला के स्पीकर बनने पर बधाई देते हुए भी राहुल गांधी ने उन्हें संविधान की रक्षा करने की अपील की थी.
2. ओम बिरला जब 18वीं लोकसभा के स्पीकर चुने गए तब भी विपक्ष ने उन पर हमला जारी रखा. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने उन्हें स्पीकर बनने की बधाई देते हुए तंज कसा और कहा कि, “स्पीकर महोदय उम्मीद करता हूं विपक्ष के साथ-साथ आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी होगा. बिना भेदभाव के सदन आगे बढ़ेगा, आप हर सांसद और हर दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे.”
3. 26 जून को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नवनिर्वाचित सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर बधाई देते हुए संविधान के संरक्षण की दुहाई दी थी. रुहुल्लाह मेहदी ने स्पीकर ओम बिरला को लेकर कहा कि, “उम्मीद करता हूं आज के बाद से आप न बीजेपी के हैं, न कांग्रेस के हैं, न समाजवादी के हैं. आज के बाद से आपकी एक ही पार्टी है वो हैं भारत का संविधान, उम्मीद है आज के बाद आप उसके संरक्षक होंगे.” यही नहीं उन्होंने दानिश अली और रमेश बिधूड़ी विवाद को उठाते हुए स्पीकर पर सवाल खड़े किए.
उन्होंने कहा कि “आपको इस बात से याद रखा जाएगा कि क्या आपने सत्ता पक्ष को मजबूर किया विपक्ष को सुनने के लिए या आपने विपक्ष को खामोश किया. आपको याद किया जाएगा कि जब संसद में एक मुसलमान सांसद को आतंकी कहा गया आपने उस नाजायज आवाज को कैसे चुप कराया? अगर एक चुने हुए सांसद को संसद में आतंकी कहा जा सकता है तो सड़क पर भी मुसलमानों को आतंकी कहा जा सकता है.” इस पर ओम बिरला ने उन्हें टोका और हिदायत दी कि ये सदन का पहला दिन है पहले कार्यकाल देखो और फिर टिप्पणी करें.
4. वहीं राज्यसभा की बात करें तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी लगातार सदन में माइक बंद करने का आरोप सभापति पर लगाते रहे हैं. 28 जून को ही राज्यसभा में NEET-UG पेपर लीक के मुद्दे पर खरगे बोल रहे थे. खरगे ने कहा कि आज छात्र परेशान है, 7 साल में 70 बार पेपर लीक हुए हैं, इस दौरान उनका माइक बंद हो गया और उनकी आवाज आना बंद हो गई. वहीं सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा. इससे पहले भी कांग्रेस राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे का माइक बंद होने के मुद्दे को लेकर सभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था.

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