इस राज्य का बिजली का बिल कम करेंगे अडानी, 25 साल तक का बना है प्लान
गौतम अडानी ने देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक महाराष्ट्र में सस्ती बिजली देने जा रहे हैं. वो भी पूरे 25 साल तक के लिए. अडानी ग्रुप ने महाराष्ट्र को लॉन्ग टर्म के लिए 6,600 मेगावाट की Renewable energy and thermal power की सप्लाई की बोली जीत ली है. कंपनी ने इसके लिए 4.08 रुपए प्रति यूनिट की बोली लगाई और जेएसडब्ल्यू एनर्जी और टॉरेंट पावर को पीछे छोड़ दिया. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मामले में किस तरह की जानकारी सामने आई है.
25 साल के लिए मिला टेंडर
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि 25 साल के लिए Renewable energy and thermal power दोनों की सप्लाई के लिए अडानी ग्रुप की बोली महाराष्ट्र द्वारा फिलहाल खरीदी जा रही बिजली की दर से एक रुपए यूनिट कम है. इससे राज्य को भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तारीख से 48 माह में बिजली की सप्लाई शुरू होनी है. बोली शर्तों के अनुसार, अडानी पावर पूरी सप्लाई अवधि के दौरान सौर बिजली की सप्लाई 2.70 रुपये प्रति यूनिट की दर पर करेगी. वहीं कोयले से उत्पादित बिजली का दाम कोयला कीमतों के आधार पर निर्धारित (इंडेक्स्ड) किया जाएगा.
राज्य सरकार ने निकाला था टेंडर
महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी (एमएसईडीसीएल) ने मार्च में सूरज की रोशनी से उत्पन्न 5,000 मेगावाट बिजली और कोयले से उत्पन्न 1,600 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए एक विशिष्ट निविदा निकाली थी. इसे लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जारी किया गया था और राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले इसे अडानी को दे दिया गया है. इस टेंडर में व्यस्त समय में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा और ताप बिजली दोनों की आपूर्ति शामिल है.
दूसरी कंपनियों के मुकाबले सस्ती बिजली
सूत्रों के मुताबिक, अडानी पावर ने अनुबंध जीतने के लिए 4.08 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई. वहीं दूसरी सबसे कम बोली 4.36 रुपये प्रति यूनिट जेएसडब्ल्यू एनर्जी की थी. यह महाराष्ट्र में पिछले साल खरीदी गई औसत बिजली कीमत 4.70 रुपए प्रति यूनिट से कम है. महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग (एमईआरसी) ने 2024-25 के लिए बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपए प्रति यूनिट तय की है. इस तरह अदाणी द्वारा लगाई गई बोली इससे एक रुपए प्रति यूनिट के करीब कम है. कुल मिलाकर चार कंपनियों ने 25 साल के लिए बिजली आपूर्ति की निविदा में भाग लिया.
देश की सबसे बड़ी पावर कंपनी
देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ा thermal power उत्पादक अडानी पावर की उत्पादन क्षमता 17 गीगावाट से अधिक है, जो 2030 तक बढ़कर 31 गीगावाट हो जाएगी. इसकी सहयोगी कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 11 गीगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी Renewable energy कंपनी है. इसे 2030 तक बढ़ाकर 50 गीगावाट करने का लक्ष्य है.