एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक, सख्त कदम उठाने पर जोर
प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव डॉ. पी.के. मिश्रा ने दिल्ली में एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में दिल्ली सरकार का प्रदूषण से निपटने वाली तैयारियों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए मैजूदा और लंबे समय के उपायों को लागू करने पर जोर दिया गया. टास्क फोर्स की बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों और दिल्ली प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. इन्होंने वर्तमान रणनीतियों की समीक्षा की और प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए अतिरिक्त इनोवेटिव कदमों पर चर्चा की.
बैठक के दौरान डॉ. मिश्रा ने हवा की क्वालिटी से जुड़ी समस्याओं पर चिंता व्यक्त की और मौजूदा कानूनों के सख्त अनुपालन की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने सड़कों और निर्माण गतिविधियों से धूल कंट्रोल को कम करने के लिए पर्याप्त उपायों की आवश्यकता पर बल दिया.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान
डॉ. मिश्रा ने सड़कों के बीच के केंद्रीय भागों को हरित करने और सड़कों के किनारे के खुले क्षेत्रों और पगडंडियों को पक्का करने और हरा-भरा करने के लिए मिशन मोड दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया ताकि धूल को रोका जा सके. खासतौर पर अधिक प्रदूषण वाले एरिया और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत आने वाले समय में डस्ट कंट्रोल के लिए सड़क सफाई, पर्याप्त संख्या में एंटी-स्मॉग गन की तैनाती और नियमित रूप से पानी का छिड़काव बढ़ाने की आवश्यकता है.
उन्होंने निर्माण और ध्वस्त स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों की सख्त निगरानी और प्रवर्तन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि निर्माण सामग्री और मलबे का परिवहन इस तरह से किया जाए कि सड़कों पर डस्ट पॉल्यूशन न हो.
मौसमी वायु प्रदूषण पर कंट्रोल
पराली जो दिल्ली और आस-पास के राज्यों में मौसमी वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है, पर भी चर्चा की गई. हालांकि दिल्ली में धान का क्षेत्र अपेक्षाकृत कम है, डॉ. मिश्रा ने इसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए शहर में पराली जलाने की पूरी तरह समाप्ति की मांग की ताकि आस-पास के क्षेत्रों के लिए एक मॉडल तैयार हो सके. वहीं ठोस कचरा प्रबंधन पर भी चर्चाएं हुईं, जिसमें डॉ. मिश्रा ने नगर निगम के ठोस कचरे और बायोमास के खुले में जलाने को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों में एयर पॉल्यूशन में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं.
प्रदुषण रोकने की पहल
साथ ही मुख्य सचिव ने दिल्ली में लैंडफिल साइटों की धीमी गति से हो रही सफाई और एमसीडी द्वारा अपशिष्ट से ऊर्जा बनाने की योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी पर चिंता व्यक्त की. डॉ. मिश्रा ने विशेष रूप से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय , आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और एमसीडी को इन मुद्दों को हल करने और विभिन्न शमन उपायों को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.