एशिया में बढ़ा भारत का रुतबा, पीछे छूटा जापान, दूर-दूर तक नहीं पाकिस्तान

भारत का रुतबा पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रहा है. अब जो रिपोर्ट आई है वो ये है कि एशिया पेसिफिक एरिया यानी एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बन गया है. इस लिस्ट में भारत ने जापान जैसे देश को पीछे छोड़ा है. भारत से आगे सिर्फ दो ही देश रह गए हैं, जिनमें अमेरिका और चीन ही शामिल है. जीडीपी के मामले में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. जिसके कुछ सालों में तीसरे पायदान में पहुंचने के अनुमान है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह की रिपोर्ट सामने आई है.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, एशिया पावर इंडेक्स में भारत ने जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी पावर बन गया है. यह उपलब्धि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के जियो पॉलिटिकल सिनेरियो में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है. मंत्रालय ने भारत के आगे बढ़ने का श्रेय इसकी ग्रोथ, युवा आबादी और इसकी लगातार विस्तार होती इकोनॉमी को दिया. इन सभी ने एक क्षेत्रीय ताकत के रूप में देश की स्थिति को मजबूत किया है. एएनआई ने मंत्रालय के हवाले से कहा कि एक बड़े बदलाव में, भारत एशिया पावर इंडेक्स में जापान को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन गया है, जो इसके बढ़ते जियो पॉलिटिकल कद को दर्शाता है.
लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा 2018 में लॉन्च किया गया, एशिया पावर इंडेक्स एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 27 देशों का वैल्यूएशन करता है. जो बाहरी भू-राजनीतिक चुनौतियों को आकार देने और प्रतिक्रिया देने की उनकी क्षमता पर ध्यान केंद्रित करता है. इंडेक्स प्रत्येक देश की शक्ति का आकलन करने के लिए आर्थिक क्षमता, सैन्य क्षमता और राजनयिक प्रभाव जैसे आठ प्रमुख उपायों का उपयोग करता है.
कैसे मजबूत हुआ भारत
मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक के 2024 एडिशन में भारत की बढ़त उसकी महामारी के बाद की रिकवरी और आर्थिक पुनरुत्थान को दर्शाती है. भारत ने आर्थिक क्षमता में 4.2 अंकों की वृद्धि का इजाफा किया है, जो मुख्य रूप से इसकी मजबूत जीडीपी ग्रोथ और क्रय शक्ति समता (पीपीपी) को देखते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के रूप में स्थिति को और भी मजबूत करता है. बयान में कहा गया है कि भारत में महामारी के बाद जबरदस्त आर्थिक सुधार देखने को मिला है, जिससे देश की आर्थिक क्षमता में 4.2 अंक की वृद्धि हुई है.
भारत के भविष्य के संसाधन स्कोर में भी 8.2 अंकों का इजाफा देखने को मिला है. जो इसके संभावित डेमोग्राफिक बेनिफिट को उजागर करता है. चीन और जापान में बढ़ती उम्र की आबादी के विपरीत, भारत की युवा आबादी आने वाले वर्षों में निरंतर आर्थिक विस्तार और कार्यबल वृद्धि को बढ़ावा देने की उम्मीद है. रिपोर्ट में बहुपक्षीय कूटनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत के बढ़ते प्रभाव का भी उल्लेख किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार क्वाड जैसे समूहों में भारत की सक्रिय भागीदारी और क्षेत्रीय संवादों में इसके नेतृत्व ने औपचारिक सैन्य गठबंधन की आवश्यकता के बिना क्षेत्रीय सुरक्षा में अपनी स्थिति मजबूत की है. इसके अतिरिक्त, फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल समझौता जैसे रक्षा सौदे भारत की बढ़ती भू-राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की ओर इशारा करते हैं.
बाकी देशों का हाल
अगर बात बाकी देशों की करें तो अमेरिका को 81.7 अंकों के साथ टॉप पर बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर चीन 72.7 अंकों के साथ दूसरी पोजिशन पर है. अगर बात जापान की करें तो उसे 38.9 प्वाइंट हासिल हुए हैं. वहीं दूसरी ओर भारत का सबसे नजदीकी एवं पड़ोसी देश इस इंडेक्स में भारत के आसपास भी नहीं है. उसे इस इंडेक्स में 14.6 प्वाइंट मिले हैं. मौजूदा समय में पाकिस्तान 16वें पायदान पर काबिज है.
एशिया पावर इंडेक्स में कुल 27 देशों का इवैल्यूएशन किया गया है. इन देशों में पाकिस्तान के अलावा रूस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका को भी जगह मिली है. आकलन या मूल्याकंन करते समय सभी देशों के 6 साल के आंकड़ों का यूज किया गया है. इस इंडेक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे अभी अमेरिका टॉप पोजिशन पर काबिज है, लेकिन उसे लगातार चीन से चुनौती मिलती हुई दिखाई दे रही है.

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