तीन महीने में लो पर आई थोक महंगाई, क्या इससे आम लोगों के लिए मिलेगी राहत
बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में भारत की थोक महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 0.27 फीसदी रह गई है। जो दिसंबर में 0.73 फीसदी थी. रॉयटर्स पोल में अनुमान लगाया गया था कि थोक महंगाई दर में 0.53 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
इससे पहले खुदरा महंगाई दर के आंकड़े आए थे. जिससे काफी राहत मिली. खुदरा महंगाई दर भी 3 महीने के निचले स्तर पर देखी गई. थोक महंगाई दर अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे रही. नवंबर में यह 0.39 फीसदी दर्ज की गई थी.
सब्जियों के दामों में कमी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 0.27 प्रतिशत (अनंतिम) रही. जनवरी 2023 में थोक महंगाई दर 4.8 फीसदी थी. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2024 में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 6.85 फीसदी थी जो दिसंबर 2023 में 9.38 फीसदी थी. जनवरी में सब्जियों की महंगाई दर 19.71 फीसदी थी जो 26.3 फीसदी थी. दिसंबर 2023. जनवरी में दालों की थोक महंगाई दर 16.06 फीसदी रही, जबकि फलों की थोक महंगाई दर 1.01 फीसदी रही. इस हफ्ते की शुरुआत में भारत की खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए. सालाना आधार पर खुदरा महंगाई दर घटकर 5.10 फीसदी पर आ गई है, जबकि दिसंबर में खुदरा
महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 फीसदी पर थी. 44 अर्थशास्त्रियों के एक रॉयटर्स सर्वेक्षण में तीन महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था।