ओडिशा में पांच सालों में 572 आदिवासी लड़कियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म: मंत्री नित्यानंद गोंड

देश में जिस तरह से दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे लगता है कि महिला सुरक्षा खतरे में है. महिला सुरक्षा को लेकर ओडिशा के एक मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. ओडिशा राज्य के अनुसूचित जाति-जनजाति विकास मंत्री नित्यानंद गोंड ने जानकारी दी कि राज्य में आदिवासी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं. गोंड ने राज्य विधानमंडल में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में 572 आदिवासी लड़कियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ है.
यह खुलासा तब हुआ जब कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति ने प्रश्न किया, जिसके जवाब में गोंड ने लिखित उत्तर में बताया कि, पिछले पांच सालों के दौरान 572 आदिवासी लड़कियों का दुष्कर्म हुआ है. ये मामले अभी कोर्ट में चल रहे हैं. जिनमें से 32 में सुनवाई पूरी हो चुकी है, जबकि 509 मामलों में चार्जशीट दाखिल किए जा चुके हैं. आगे गोंड ने बताया कि 31 मामलों की जांच अभी चल रही है.
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर घंटे 3 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार होती हैं, यानी हर 20 मिनट में 1 महिला. देश में दुष्कर्म मामलों में 96% से ज्यादा आरोपी पीड़िता के जानने वाले होते हैं. अगर न्याय की बात की जाए, तो दुष्कर्म के मामलों में 100 में से केवल 27 आरोपियों को ही सजा होती है. ये आंकड़े बताते हैं कि देश में दुष्कर्म जैसे मामलों के लिए सख्त कानून होने के बावजूद न तो दुष्कर्म के मामलों में कमी आ रही है, और न ही सजा की दर यानी कन्विक्शन रेट बढ़ रही है.
सालभर में चार लाख से ज्यादा अपराध
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में सालभर में महिलाओं के खिलाफ चार लाख से ज्यादा अपराध दर्ज किए जाते हैं. इन अपराधों में दुष्कर्म के अलावा छेड़छाड़, दहेज हत्या, अपहरण, मानव तस्करी, एसिड अटैक जैसे अपराध शामिल हैं.

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