कभी क्रिकेट को समझा सिर्फ लड़कों का गेम, अब ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम को अकेले निपटाया
पिछले कुछ सालों में भारत में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता और इसके दायरे में बढ़ोतरी हुई है. यही कारण है कि देश में अब छोटे-छोटे शहरों और गांवों से भी लड़कियां निकल कर आ रही हैं और इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं. ऐसी ही एक लड़की टीम इंडिया में आने की तैयारी में है और उसने दमदार प्रदर्शन से अपनी काबिलियत की झलक भी दिखा दी है, वो भी सीधे ऑस्ट्रेलिया में, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इस खिलाड़ी ने अपनी स्पिन का ऐसा जाल बिछाया कि पूरी टीम सिर्फ 72 रन पर ढेर हो गई और आधी टीम का शिकार खुद इस स्पिनर ने किया. नाम है- प्रिया मिश्रा.
मेंस क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट में पिछले काफी वक्त से ‘ए’ टीम के मुकाबले होते रहे हैं, जिसमें खेलकर कई खिलाड़ियों ने सीनियर टीम में अपनी जगह बनाई है. टीम इंडिया के पास खिलाड़ियों की एक मजबूत बेंच में इन ए टीमों के मुकाबलों का बड़ा योगदान रहा है. यही काम बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट में भी शुरू किया है और इसका ही नतीजा है कि महिला ए टीम ऑस्ट्रेलिया ए के साथ वनडे सीरीज खेल रही है और यहां भारतीय टीम ने पहले मैच में हार के बाद जोरदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को तबाह कर दिया और 171 रन से मैच जीता.
सिर्फ 72 रन पर ढेर ऑस्ट्रेलिया
मैके में रविवार 18 अगस्त को खेले गए इस मुकाबले में इंडिया ए ने पहले बैटिंग की और 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 243 रन का ठीक-ठाक स्कोर खड़ा किया. भारतीय टीम की ओर से तेजल हसबनीस ने 50 और राघवी बिष्ट ने 53 रनों की पारी खेली. उनके अलावा सजीवन संजना ने भी 40 रन बनाए, जबकि कप्तान मिन्नु मनि ने 34 रन का योगदान दिया. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ए की पूरी टीम सिर्फ 22.3 ओवरों के अंदर मात्र 72 रनों पर ढेर हो गई. यहां तक कि उनकी कप्तान और ऑस्ट्रेलियाई सीनियर टीम की सुपरस्टार ऑलराउंडर टाहलिया मैक्ग्रा भी सिर्फ 1 रन बना सकी.
प्रिया की लेग स्पिन का कहर
टीम इंडिया की इस जीत की स्टार रही सिर्फ 20 साल की स्पिनर प्रिया मिश्रा. लेग स्पिनर प्रिया ने अपने 5 ओवरों के स्पैल में 14 रन खर्चे और 5 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग को तहस-नहस कर दिया.इसके साथ ही प्रिया ने सेलेक्शन कमेटी का ध्यान अपनी ओर भी खींच लिया है. प्रिया का ये प्रदर्शन जितना लाजवाब है, उतनी ही कमाल की उनकी क्रिकेट में एंट्री है. वो प्रयागराज के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं, जहां वो लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं. तब उन्हें महिला क्रिकेट के बारे में पता भी नहीं था और यही समझती थीं कि ये सिर्फ लड़कों का गेम है. फिर कुछ साल बाद वो दिल्ली आ गईं और यहीं उनके क्रिकेट की सही मायनों में शुरुआत हुई. सीनियर महिला वनडे टूर्नामेंट में दिल्ली के लिए दमदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें विमंस प्रीमियर लीग में गुजरात जायंट्स ने सेलेक्ट किया था.