कौन हैं पूर्व IAS वीके पांडियन, जो हो सकते हैं ओडिशा CM नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी
नवीन पटनायक के पांचवीं बार ओडिशा के सीएम के तौर पर शपथ लेने के दो दिन बाद एक तस्वीर चर्चा में आई. यह तस्वीर थी पूर्व आईएएस वीके पांडियन की. यह नवीन पटनायक के साथ उनके निजी सचिव की पहली ऐसी तस्वीर थी जिसने ओडिशा की राजनीति के तार छेड़ने शुरू कर दिए थे. यह तस्वीर चर्चा का केंद्र इसलिए भी थी, क्योंकि पांडियन नवीन पटनायक के साथ वर्षों से थे, लेकिन हमेशा वह फ्रेम से बाहर रहे. पांच साल बाद एक बार फिर पांडियन फिर से चर्चा में है.
ओडिशा की चुनावी लड़ाई अब सीएम नवीन पटनायक के स्वास्थ्य पर आ गई है. खास बात ये है कि नवीन पटनायक के स्वास्थ्य पर सवाल उठाने के साथ ही जिस नाम की सबसे चर्चा हो रही है वह वीके पांडियन ही हैं. उन्हें नवीन पटनायक का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है. पिछले दिनों जिस वायरल वीडियो के बाद नवीन पटनायक के स्वास्थ्य पर सवाल उठे उस वीडियो में पांडियन ही सीएम के कंपकंपाते हाथ को पोडियम के पीछे छिपाते नजर आए थे. वीडियो में पटनायक रैली को संबोधित कर रहे हैं और माइक पांडियन ही पकड़े हैं.
कौन हैं वीके पांडियन
पूर्व IAS वीके पांडियन ओडिशा सीएम नवीन पटनायक के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं. उनका जन्म 29 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था. तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के मदुरई कैंपस से स्नातक करने के बाद पांडियन ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से परास्नातक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद IAS परीक्षा दी और पंजाब कैडर के अधिकारी के तौर पर उन्होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी.
पंजाब कैडर से आए उड़ीसा और छा गए
पांडियन की ट्रेनिंग को कुछ महीने ही बीते थे, तभी उन्होंने अपनी ही बैच की IAS अधिकारी सुजाता राउत से शादी की और ओडिशा ट्रांसफर ले लिया. 2002 में पांडियन को कालाहांडी जिले में बतौर सब कलक्टर पहले पोस्टिंग मिली. 2004 में पांडियन को राउरकेला विकास एजेंसी यानी RDA की जिम्मेदारी दी गई, जो दिवालिया थी. यह एजेंसी उन लोगों का घर भी नहीं बना पा रही थी, जिन्होंने इसमें निवेश किया था, पांडियन ने अगले छह माह के अंदर ही RDA के हालात सुधार दिए, जिससे वह प्रदेश में चर्चा में आए.
यह वीके पांडियन की सीएम पटनायक के साथ पहली तस्वीर थी जो सीएम ऑफिस ने 2019 में जारी की थी.
ऐसे आए नवीन पटनायक की गुडबुक में
वीके पांडियन अब तक ओडिशा के एक चर्चित अधिकारी बन चुके थे. 2005 में उन्हें मयूरभंज जिले की जिम्मेदारी दी गई, यहां वह डीएम पद पर तैनात रहे. यह ओडिशा सीएम का गृह जनपद भी है. यहां तैनाती के दौरान धीरे धीरे पांडियन नवीन पटनायक की गुडबुड में शामिल हो गए. 2011 तक वह नवीन पटनायक के सबसे विश्वासपात्र अफसरों में शामिल हो चुके थे.
सीएम ऑफिस में मिली तैनाती
नवीन पटनायक के विश्वासपात्र लोगों में तब तक एक और नाम शामिल था ये नाम था प्यारी मोहन महापात्र का. ये पूर्व आईएएस थे जो राजनेता के तौर पर पटनायक के बेहद खास माने जाते थे. वह नवीन पटनायक के सलाहकार का काम भी देखते थे. इनसे अनबन के बाद पांडियन पटनायक के खास होते चले गए. 2011 में उन्हें सीएम ऑफिस में तैनाती मिली और उन्हें सीएम का निजी सचिव बना दिया गया. 2019 में जब नवीन पटनायक ने पांचवीं बार राज्य की सत्ता संभाली तो पांडियन को 5टी योजना का सचिव बना दिया.
पांडियन की दिमागी उपज थी 5T योजना
ऐसा कहा जाता है कि 5T योजना पांडियन के दिमाग की ही उपज थी, इसे इस तरह की योजना के तौर पर प्रचारित किया गया कि जैसे ये प्रशासनिक तंत्र को ओवरहॉल करेगी. इस योजना के तहत ही ओडिशा की सभी योजनाओं, सेवाओं और परियोजनाओं को लाया गया. इसकी निगरानी पांडियन को दी गई. इस दौरान पांडियन ने तकरीबन 200 से ज्यादा बैठकें की. लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा. कोविड के दौरान भी पांडियन ने ही पूरी कमान संभाली. इसलिए पांडियन पर सवाल भी उठे, लगातार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किए जाने पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए.
This is a deeply distressing video. Shri VK Pandian ji is even controlling the hand movements of Shri Naveen Babu. I shudder to imagine the level of control a retired ex bureaucrat from Tamil Nadu is currently exercising over the future of Odisha!
BJP is determined is give back pic.twitter.com/6PEAt7F9iM
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) May 28, 2024
पूर्व नौकरशाह से बन गए राजनेता
2023 में पांडियन ने वीआरएस के लिए आवेदन किया और बीजद ज्वॉइन कर ली. लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में जब विधानसभा चुनाव का ऐलान किया गया तो पांडियन को बीजद में नंबर दो की जिम्मेदारी दी गई. पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नवीन पटनायक के बाद पांडियन का ही दूसरा नाम था. वह बीजद की कैंपेन को भी लीड करते नजर आ रहे हैं और सीएम नवीन पटनायक के साथ हर सभा में भी मौजूद रहते हैं.
विपक्षी पार्टियां साध रहीं निशाना
पांडियन के लगातार एक्टिव रहने की वजह से विपक्षी पार्टियां पांडियन पर निशाना साध रही हैं. विपक्षी पांडियन के तमिल होने की वजह से इसे ओड़िया अस्मिता से जोड़ रहे हैं और पूर्व आईएएस को ही सुपर सीएम बता रहे हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि पर्दे के पीछे ओडिशा को एक तमिल बाबू चला रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा को मौका दो तो हम उड़िया बोलने वाला ही सीएम आपको देंगे.