क्या महंगे प्याज से मिलेगी राहत? महाराष्ट्र चुनाव से पहले सरकार ने उठाया ये कदम
एक तरफ देश में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. दूसरी तरफ इस साल के अंत तक महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अब एक ऐसा कदम उठाया है जिससे उसे प्याज के दाम कंट्रोल करने और महाराष्ट्र के चुनाव साधने, दोनों में मदद मिलेगी. चलिए समझते हैं ये कहानी…
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. इस वजह से भी प्याज के बढ़ते दामों को साधने के लिए सरकार महाराष्ट्र को साधने की कोशिश कर रही है, क्योंकि प्याज यहां की बड़ी आबादी की आजीविका भी है.
74% अधिक कीमत पर खरीद रही प्याज
केंद्र सरकार इस समय महाराष्ट्र में ऊंचे दामों पर प्याज खरीद रही है. पिछले साल सरकार ने प्याज खरीद के मौसम में किसानों को 16.93 रुपए प्रति किलो का भाव दिया. इस बार सरकार 74 प्रतिशत अधिक कीमत यानी 29.5 रुपए प्रति किलोग्राम का भाव दे रही है. सरकार ने महाराष्ट्र से 1500 करोड़ रुपए की प्याज खरीदने का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल ये बजट करीब 1200 करोड़ रुपए था.
किसानों को सीधा फायदा
सरकार इस बार किसानों को प्याज का भुगतान सीधे उनके खाते में कर रही है. इस साल नेफेड और एनसीसीएफ ने प्याज का रकबा भी बढ़ाने पर जोर दिया है. इस वजह से सरकार के इस कदम का फायदा करीब 10,000 किसानों को मिलेगा, जो पिछले साल महज 6100 तक था.
प्याज की महंगाई की कहानी
पिछले साल अगस्त में प्याज के दाम आसमान पर पहुंच गए थे. इसने देश के पूरे महंगाई इंडेक्स के गुणा-गणित को खराब कर दिया था. इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले भी प्याज के दामों में तेजी देखने को मिली, जिसके चलते सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया.
सरकार के इस कदम से महंगाई कम हुई और प्याज के दाम थोड़े स्थिर हुए. इसलिए सरकार ने इस बार प्याज का स्टॉक बढ़ाने का फैसला किया है. सरकार ने 5 लाख टन प्याज की खरीद का लक्ष्य रखा है. मार्केट में प्याज का दाम ऊंचा जाने पर सरकार इस बफर स्टॉक का इस्तेमाल कीमतों को तोड़ने पर करती है. इस साल अभी तक 2 लाख टन प्याज की खरीद हो चुकी है.