बजट में इस बार सैलरी वालों को कुछ नहीं लगेगा हाथ, आखिर क्या है वजह?

बजट में इस बार सैलरी वालों को कुछ नहीं लगेगा हाथ, आखिर क्या है वजह?

अगले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है. बजट पेश होने में महीनेभर से भी कम समय बचा है. ऐसे में इनकम टैक्स में क्या बदलाव होगा, क्या कोई राहत मिलेगी या फिर से टैक्स स्लैब बदल जाएगी? हम आपको बता दें कि इस बार टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा यानी सैलरी क्लास वालों के हाथ कुछ नहीं आएगा.

इस बार मोदी सरकार का ये बजट ‘आम बजट’ ना होकर ‘अंतरिम बजट’ होगा. अंतरिम बजट के नियम-कायदे थोड़े अलग होते हैं. इसलिए बजट में इस बार टैक्स स्लैब को लेकर कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा.

चुनाव आयोग का नियम सरकार पर भारी
दरअसल अंतरिम बजट उस साल लाया जाता है जिस साल देश में नई सरकार का गठन होना होता है. देश में लोकसभा के आम चुनाव के बाद जो नई सरकार बनती है वो अगले साल का नया पूर्ण बजट लेकर आती है. इसलिए चुनाव से पहले मौजूदा सरकार अंतरिम बजट में सिर्फ तब का सरकारी खर्च संसद से मंजूर करवाती है जब तक कि नई सरकार नहीं बन जाती.

इस मामले में चुनाव आयोग की आचार संहिता का नियम सरकार पर भी भारी पड़ता है. इस नियम के मुताबिक मौजूदा सरकार अंतरिम बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं कर सकती जो वोटर्स को लुभा सके. सरकार ना तो किसी बड़ी राहत या योजना का ऐलान कर सकती है और ना ही टैक्स सिस्टम में बदलाव कर सकती है.

किसान सम्मान निधि पर हुआ था विवाद
वैसे साल 2019 में तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बार के बजट में सरकार नेपीएम किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान किया था. तब विपक्षी दलों की ओर से इस योजना का खूब विरोध किया गया था. ये कांग्रेस के उस वक्त के चुनावी वादे न्याय योजना के जवाब में लाई गई योजना थी, और सरकार ने चुनाव आचार संहिता के नियम से बचने के लिए इसे दिसंबर 2018 से लागू कर दिया था. पीएम किसान योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाती है.

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