क्या है स्लॉथ फीवर, अमेरिका और यूरोप में तेजी से फैल रहा है ये बुखार, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
दुनिया अभी कोरोना वायरस के खतरे से उबर भी नहीं पाई थी कि अब दुनियाभर में दो नए वायरस का खतरा तेजी से फैल रहा है. मंकीपॉक्स के बाद अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में ओरोपोचे नाम का वायरस फैला हुआ है. सीडीसी के मुताबिक अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में ओरोपोचे के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं. सीडीसी का कहना है कि ये वायरस स्लॉथ में पाया जाता है और मक्खी और मच्छर के जरिए फैलता है इसलिए इसे स्लॉथ फीवर के नाम से भी जाना जा रहा है. ब्राजील में इस बुखार की वजह से दो महिलाओं की मौत भी हो चुकी है.
क्या है स्लॉथ फीवर
दरअसल, ये वायरस स्लॉथ में पाया जाता है लेकिन ये मक्खी और कीड़ों द्वारा फैलता है इसलिए इसे कीट जनित बीमारी माना जा रहा है. ये संक्रमित मिज नामक मक्खी के काटने से फैलता है. हालांकि ये वायरस नया नहीं है. इसका पहला मामला 1950 में दर्ज किया गया था. लेकिन इस साल इसके ज्यादा मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे मामले
सीडीसी के मुताबिक स्पेन में अबतक इसके 12, इटली में 5 और जर्मनी में 2 मामले रिपोर्ट किये गए हैं. लेकिन ब्राजील, बोलीविया, पेरू, कोलंबिया और क्यूबा में अब तक इसके 8,000 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए जा चुके है. इन देशों से ट्रैवल कर रहे यात्रियों ने न्यूयॉर्क और फ्लोरिडा में भी इस बुखार को फैला दिया है.
कैसे फैलता है ये बुखार
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि ये बुखार संक्रमित मक्खी और की़ड़ों के काटने ने से फैलता है. यह वायरस जंगली इलाकों में कीड़ों, पक्षियों,बंदरों, मार्मोसेटऔर स्लॉथ के बीच फैलना शुरू होता है और धीरे-धीरे इन जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है.
क्या भारत में भी है खतरा
डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि इस बुखार का खतरा फिलहाल भारत में नहीं है. यहां इसके केस न के बराबर आते हैं. हालांकि फिर भी सतर्क रहने की जरूरत है और दूसरे वायरस जैसे डेंगू. मलेरिया, चांदीपुरा से बचाव करने की फिलहाल ज्यादा जरूरत है.
स्लॉथ फीवर के लक्षण
संक्रमित मक्खी या मच्छर के काटने के 7-10 दिनों के अंदर आपको स्लॉथ बुखार के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं जिनमें
– बुखार
– सिरदर्द
– मतली आना
– जी मिचलाना और
– दस्त लगना
– कमजोरी और थकावट महसूस करना
– पेट व जोड़ों में दर्द महसूस करना
– शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना शामिल है.
इसके लक्षण अमूमन 7 दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन 70 प्रतिशत मरीजों को यह बुखार दोबारा हो सकता है.
बचाव के तरीके
इस बुखार से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है खुद को मक्खी और मच्छर के काटने से खुद को बचाना. इसके लिए अपने आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
वैक्सीन या दवा
फिलहाल स्लॉथ फीवर के इलाज के लिए अब तक कोई टीका या दवाई नहीं बनी है. इसके उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, आराम करें. हालांकि इसके लक्षण 1 हफ्ते में कम हो जाते हैं अगर समस्या ज्यादा है तो अस्पताल में भर्ती होने में देर न करें.