क्या है IAS पूजा खेड़कर की सच्चाई? दो हफ्ते में हो जाएगा खुलासा, सरकार ने गठित की जांच कमेटी

महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेड़कर सुर्खियों में बनी हुई हैं. आरोप है कि एक सिविल सेवक के रूप में वो पुणे में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रही थीं. इसके साथ ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने के लिए दिव्यांगता और ओबीसी का फेक सर्टिफिकेट दिखाने का भी आरोप है. पुणे के कलेक्टर की शिकायत के बाद पूजा का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया है. अब इस मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार ने कमेटी बनाई है, जो 2 हफ्ते में रिपोर्ट देगी.
केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय समिति गठित की गई है. इसके जरिए पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित किया जाएगा. सिविल सेवा परीक्षा-2022 के साथ ही उनकी सीएसई की उम्मीदवार की भी जांच की जाएगी.
पूजा खेड़कर ने ऐसी सुविधाओं की मांग की
पूजा खेड़कर उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी ऑडी कार का इस्तेमाल सरकारी रूप में किया. इता ही नहीं मामले ने तब और तूल पकड़ा जब ऐसी सुविधाओं की मांग की जो IAS कैडर के प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलती हैं.
केबिन, आवासीय क्वार्टर, और चपरासी की मांग
पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे की रिपोर्ट के अनुसार, पूजा ने ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले अलग केबिन, आवासीय क्वार्टर, कार, और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की थी. हालांकि उन्हें ये सुविधाएं नहीं दी गईं. उनको एक अटैच्ड बाथरूम के साथ एक वीआईपी आवास दिया गया था.
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रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा की मांग थी कि बिजली फिटिंग को बदलकर नई फिटिंग कराई जाए. उनका केबिन ऑफिस में मुख्य कलेक्टर कक्ष के बगल में हो. यही नहीं पूजा पर आरोप है कि उन्होंने अपर कलेक्टर अजय मोरे से बिना पूछे उनके कक्ष से सोफा, टेबल और कुर्सियां ​​कर्मचारियों से हटवा कर उस पर कब्जा कर लिया. इसके बाद उस कमरे में खुद की नेम प्लेट भी लगाई.

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