क्वांट म्यूचुअल फंड से लगाया है पैसा, निकाल लें या रुके रहें? बाजार एक्सपर्ट्स क्या दे रहे हैं सलाह
आपको साल में 80 फीसदी तक रिटर्न देने वाला क्वांट म्यूचुअल फंड इन दिनों मुसीबतों का सामना कर रहा है. ऐसे में अगर आपने भी इस फंड में पैसा लगाया है तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. दरअसल, फंड हाउस पर सेबी की छापेमारी के बाद उसमें निवेशित लोगों को इस बात को लेकर चिंता है कि क्या उन्हें इस समय अपना पैसा निकाल लेना चाहिए या होल्ड कर देना चाहिए? कई इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इस पर अपनी राय दे रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है उनका कहना…
क्या है एक्सपर्ट की राय?
फंड हाउस पर चली रही जांच पर बाजार एक्सपर्ट्स पुनीत किनरा का कहना है कि निवेशक अभी रुको और देखों की नीति अपना रहे हैं. ऐसे में उन्हें अभी जांच खत्म होने तक का इंतजार करना चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि कहा कि ट्रेडर भले इस न्यूज पर प्रतिक्रिया देते हुए कोई कदम उठा सकते हैं लेकिन निवेशकों को ऐसा नहीं करना चाहिए.
निवेशकों को तभी इस पर कोई फैसला लेना चाहिए जब जांच पूरी हो जाए. इसके अलावा ज्यादातर इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स का भी यही कहना है कि उन्होंने अभी उन्होंने खुद से रिडेंप्शन (पैसा वापस निकालना) की कोई प्रक्रिया नहीं शुरू की है और न ही उन्हें किसी निवेशक ने ऐसा करने के लिए आग्रह किया है.
ऐसे निवेशकों को नहीं होगा नुकसान
एक्सपर्ट का कहना है कि इसको लेकर निवेशकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि म्यूचुअल फंड हाउस निवेशक का पैसा इनडायरेक्ट तौर पर बाजार में लिस्ट अलग-अलग कंपनियों में लगाते हैं. तो जब तक उन कंपनियों को नुकसान या प्रॉफिट नहीं होता है, निवेशक पर असर नहीं पड़ेगा. इसलिए निवेशक को धैर्य के साथ अपनी निवेश जर्नी जारी रखनी चाहिए. हालांकि एक कॉमन प्वाइंट पर अलग-अलग एक्सपर्ट जोर देते हुए कहते हैं कि निवेशक को हमेशा अपने पोर्टपोलियो में अलग-अलग कैटेगरी के अलग-अलग फंड में पैसा लगाना चाहिए. मतलब ये कि अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना चाहिए. इससे वे हमेशा औसत प्रॉफिट हासिल करते रहेंगे और हाई रिस्क जोन से खुद को बाहर रख पाने में सफल होंगे.
क्या है मामला?
क्वांट एएमसी पर फ्रंट रनिंग का आरोप लगा है. यह बाजार में एक गैर-कानूनी गतिविधि है. इसमें ब्रोकर से पास पहले से ही एक या कई ट्रेड के बारे में जानकारी होती है और उसी के आधार पर वह पैसा लगाता है. यह जानकारी उसे अन्य ब्रोकर्स की तुलना में एडवांटेज देती है. आपको बता दें कि यह म्यूचुअल फंड देश में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले म्यूचुअल फंड में से एक है. 4 साल के अंदर इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट मात्र 258 करोड़ रुपये से बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये हो गया है.