चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट से जीतने वाले DMK के दयानिधि मारन कौन हैं? जानिए अपने सांसद को

2024 लोकसभा चुनाव में भी तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल सीट पर मारन परिवार का दबदबा कायम रहा. इस सीट पर दयानिधि मारन 2 लाख से ज्यादा वोटो के अंतर से चुनाव जीत गए हैं. इस क्षेत्र को डीएमके का गढ़ माना जाता है. यहां बीजेपी ने विनोज पी सेल्वम को चुनावी मैदान में उतारा गया था. बीजेपी पूरे प्रदेश की तरह इस सीट पर भी कोई कमाल नहीं कर सकी. यहां पर बीजेपी को मात्र 1 लाख 69 हजार 159 वोट ही मिले. वहीं डीएमके को 4 लाख 13 हजार 848 मत मिले.
दयानिधि मारन लोयोला कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया है. शिक्षा को पूरा करने के बाद इन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट प्रोग्राम में पढ़ाई की. दयानिधि की शादी बड़े उद्योगपति और प्रिया कस्तूरी एंड संस के निदेशक रमेश रंगराजन की बेटी प्रिया के साथ हुई. चुनाव आयोग में दिए हलफनामे के मुताबिक इनके पास कुल 11 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है. इनपर एक आपराधिक मुकादमा भी दर्ज है.
विरासत में मिली राजनीति
दयानिधि मारन, ये नाम डीएमके के कद्दावरों नेताओं में से एक है. ये तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि के पोते हैं. इनके पिता मुरासोली मारन भी पार्टी के मुख्य नेताओं में से एक और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इनके बड़े भाई कलानिधि मारण सन ग्रुप के संस्थापक हैं. 52 साल के मारन को राजनीति विरासत में मिली है. 2004 का लोकसभा चुनाव जीतकर ये पहली बार सांसद बने. यहीं से इनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया.
राजनीतिक सफर
पहली बार सांसद बनते ही इन्हें केंद्र में मंत्रालय भी मिल गया. 2004 की मनमोहन सरकार में ये संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बने. अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने “एक रुपया एक भारत” योजना की शुरुआत की. इससे महज एक रुपये प्रति मिनट की दर से पूरे भारत में कॉल करना आसान हो गया था. इसके बाद 2009 में इन्होने सेंट्रल चेन्नई लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी. इस बार भी इन्हें केंद्र में मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली. मनमोहन सरकार में इनको कपड़ा मंत्री बनाया गया. साल 2014 के आम चुनाव में ये अपनी पारंपरिक सीट (चेन्नई साउथ) नहीं बचा पाए और चुनाव हार गए. इसके बाद 2019 में बड़ी जीत के साथ इन्होंने दमदार वापसी की. अपने विजय रथ को आगे बढ़ाते हुए 2024 में भी ये जीत गए.
कभी था कांग्रेस का गढ़
चेन्नई साउथ कांग्रेस का गढ था. साल 1991 के बाद डीएमके और एआईएडीएमके ने यहां से कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. आठ बार डीएमके जबकि 3 बार एआईएडीएमके ने यहां से जीत हासिल की थी. चेन्नई साउथ संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं जो कि निम्न प्रकार हैं- विरुगमबक्कम, सैदापेट, थियागरायनगर, मायलापुर. वेलाचेर और शोजिंगनालुर हैं. पिछले विधानसभा के चुनाव में यहां एआईडीएमके ने बड़ी जीत हासिल की थी.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *