जानिए कितने मुस्लिम उम्मीदवार जीते चुनाव…क्रिकेटर यूसुफ पठान ने किस दिग्गज नेता को दी मात?
18वीं लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या पिछली बार से कम हो गई है, मंगलवार को जारी चुनाव के नतीजों में सिर्फ 23 मुसलमान प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. जीतने वालों में 18 अल्पसंख्यक प्रत्याशी ऐसे हैं जो दोबारा चुनकर आए हैं, कांग्रेस के 7 और टीएमसी के 5 मुस्लिम सांसद चुने गए हैं. इस बार के लोकसभा इलेक्शन में कुल 90 मुस्लिम उम्मीदवार बड़ी पार्टियों के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. जबकि 2014 के चुनावों में इन्हीं प्रमुख पार्टियों ने 2016 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था और तब भी जीत का आंकड़ा 23 ही रहा था. हालांकि पिछले चुनाव यानि 17वीं लोकसभा में इसमें बढ़ोतरी देखी गई थी. मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने सबसे ज़्यादा 35 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया लेकिन सभी हार गए.
क्रिकेटर यूसुफ पठान ने सियासत की पिच पर भी शानदार बैटिंग की है. बरहामपुर से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़कर युसूफ ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी को बड़ी शिकस्त दी है. हैदराबाद (तेलंगाना) से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीन लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से भारतीय जनता पार्टी की माधवी लता कोम्पेला को हराया है.
उत्तर प्रदेश की बात करें तो कैराना से समाजवादी पार्टी की इकरा चौधरी ने बीजेपी के प्रदीप कुमार को करीब 70 हज़ार वोटों से हराया. गाजीपुर सीट से सपा के अफ़ज़ाल अंसारी ने सवा लाख वोटों के अंतर से बीजेपी के पारस नाथ राय को शिकस्त दी है. सहारनपुर से कांग्रेस के इमरान मसूद ने बीजेपी के राघव लखनपाल को 64 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हराया है. रामपुर से सपा के मोहिबुल्लाह ने 87 हज़ार से ज़्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, संभल से जिया उर रहमान भी एक लाख इक्कीस हज़ार वोटों से जीते. जबकि अमरोहा सीट पर शुरूआती लीड के बाद कांग्रेस के कुंवर दानिश अली शाम होते होते बीजेपी के कंवर सिंह तंवर से 28670 वोटों से हार गए, दोनों में देर तक कांटे की टक्कर चलती रही.
वहीं पश्चिम बंगाल की छह सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं. मालदा दक्षिण से कांग्रेस के ईशा खान चौधरी ने बीजेपी की श्रीरूपा मित्रा चौधरी को करीब सवा लाख वोटों के अंतर से हराया. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के खलीलुर रहमान जंगीपुर से एक लाख से ज़्यादा वोट के अंतर से जीते, टीएमसी के ही अबू ताहिर खान मुर्शिदाबाद से जीते, उलुबेरिया से साजदा अहमद ने दो लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और बशीरहाट सीट से एसके नूरुल इस्लाम जीते.
उधर बिहार में कटिहार सीट से कांग्रेस के तारिक अनवर ने जेडीयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी को तकरीबन 50 हज़ार वोटों से हराया. किशनगंज सीट से कांग्रेस के मोहम्मद जावेद जेडीयू के मुजाहिद आलम के खिलाफ 60 हज़ार वोटों से जीते. लक्षद्वीप से एनसीपी के मोहम्मद फैज़ल को कांग्रेस के मुहम्मद हमदुल्लाह सईद ने हराया. असम के धुबरी से कांग्रेस के रकीबुल हुसैन ने AIUDF के मोहम्मद बदरुद्दीन अजमल को 10 लाख से ज़्यादा वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी.
वहीं लद्दाख में निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद हनीफा ने कांग्रेस के त्सेरिंग नामग्याल और बीजेपी के ताशी ग्यालसन को इस चुनाव में हरा दिया. दिलचस्प बात ये भी है कि कश्मीर के बारामुल्ला से निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रशीद शेख ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और डॉ फारूक अब्दुल्लाह के बेटे उमर अब्दुल्ला और J&K पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन को बड़ी शिकस्त दी. श्रीनगर से नेशनल कांफ्रेंस के आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने बड़ी जीत दर्ज की, अनंतनाग से नेशनल कांफ्रेस के मियां अल्ताफ अहमद ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती को दो लाख अस्सी हज़ार से ज़्यादा वोटों के अंतर से हराया.
केरल की बात करें तो मलप्पुरम से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के मोहम्मद बशीर ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी.वासिफ को तीन लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से हराया. पोन्नानी से IUML के ही डॉ. एम.पी. अब्दुस्समद समदानी ने सीपीआई (एम) के के.एस.हम्ज़ा और बीजेपी की निवेदीदा को बड़े अंतर से हराया. तमिलनाडु में रामनाथपुरम लोकसभा सीट से Indian Union Muslim League के नवसकानी के. ने भी निर्दलीय उम्मीदवार पन्नीरसेल्वम ओ.एस. को डेढ़ लाख से ज़्यादा वोटों से शिकस्त दी.