Ulhasnagar Firing: जमीन के टुकड़े ने दो नेताओं को बनाया दुश्मन…थाने में गोलीकांड की Inside Story

बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने स्वीकार किया कि उसने शिवसेना नेता को गोली मारी थी और इसके लिए उन्हें कोई पछतावा नहीं है. शनिवार को उल्हासनगर कोर्ट ने गणपत गायकवाड़ को पेश किया गया, कोर्ट ने उन्हें 14 तारीख तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. यानी गायकवाड़ को 11 दिन तक पुलिस हिरासत में रहना होगा. पुलिस ने गायकवाड़ को 14 दिन की रिमांड पर देने की मांग की थी. मामला बेहद गंभीर है. इसकी जांच होनी चाहिए. गायकवाड़ की आवाज के नमूने भी लिए जाने हैं, इसलिए पुलिस ने 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की. लेकिन कोर्ट ने गायकवाड़ को 14 तारीख तक रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि यह राजनीतिक रंजिश नहीं, जमीन की वजह से गोलीबारी हुई है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कि शिवसेना के नेता महेश गायकवाड़ पर हुई फायरिंग मामले में आज उल्हासनगर कल्याण के चोपड़ा कोर्ट में फायरिंग करनेवाले बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ को पेश किया गया.

कोर्ट में दी गई दलील में सरकारी पक्ष की तरफ से हिल लाइन पुलिस थाने में विधायक गणपत गायकवाड़ को बंदूक से कुल 06 राउंड गोलियां फायर करने का बात कोर्ट के सामने कहि गई, लेकिन सरकारी महकमे के वकील के इस दलील पर आरोपी विधायक गणपत गायकवाड़ के वकील राहुल अरोटे ने आपत्ति जताई ।

14 फरवरी तक पुलिस कस्टडी का निर्देश

कोर्ट मे दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी बीजेपी विधायक के विधायक गणपत गायकवाड़ को चौपड़ा कोर्ट ने 14 फरवरी तक इस गोलीकांड की जांच पड़ताल के लिए पुलिस कस्टडी का आदेश दे दिया है. आरोपी विधायक गणपत गायकवाड़ के वकील राहुल अरोटे ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि हमारे मुवक्किल को कोर्ट ने 14 फरवरी तक पुलिस कस्टडी तक रखने के आदेश दिए है. आरोपी विधायक के वकील वकील राहुल अरोटे ने ये भी कहा है कि अभी मामला जांच के दायरे में है,इसलिए इस बारे में अभी कुछ भी कहना ठीक नही होगा.

दूसरी ओर, महाराष्ट्र भाजपा नेता गणपत गायकवाड़, जिन्होंने शिव सेना नेता महेश गायकवाड़ पर गोली चलाई थी, ने कहा कि उन्होंने आत्मरक्षा में ऐसा किया और उन्हें अपने कृत्य पर “पछतावा नहीं” है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना नेता पुलिस स्टेशन के अंदर उनके बेटे की पिटाई कर रहे थे. भाजपा और शिव सेना (शिंदे) गुट, जिससे महेश गायकवाड़ हैं, राजनीतिक सहयोगी हैं और मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाते हैं.

मैं खुद मारी गोली, कोई पछतावा नहीं

अपने कृत्य को सही ठहराते हुए, गणपत गायकवाड़ ने एक समाचार चैनल से कहा, “हां, मैंने खुद (उसे) गोली मारी थी. मुझे कोई पछतावा नहीं है. अगर मेरे बेटे को थाने के अंदर पुलिस के सामने पीटा जा रहा है तो मैं क्या करूंगा.’ हालांकि वह यहीं नहीं रुके और फिर उन्होंने शिवसेना नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की आलोचना की. उन्होंने उन पर “महाराष्ट्र में अपराधियों का साम्राज्य बनाने की कोशिश करने” का आरोप लगाया.”

गायकवाड़ ने कहा कि अगर शिंदे उद्धव ठाकरे को धोखा दे सकते हैं तो वह बीजेपी को भी धोखा देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम पर उनके करोड़ों रुपये बकाया हैं. उन्होंने शिंदे से इस्तीफा देने का आग्रह किया और बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और पीएम नरेंद्र मोदी से इस दिशा में कदम उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने सीएम के बेटे श्रीकांत शिंदे पर उनके (गणपत गायकवाड़) किए गए काम का श्रेय लेने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कारण ही वह अपराधी बन गये हैं.

विधायक और उनका बेटा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने गए थे लेकिन कथित तौर पर शिव सेना के लोगों ने उनके साथ मारपीट की। इसी बात के चलते गायकवाड़ ने उन पर गोली चला दी। उसने 5 राउंड फायरिंग करने का दावा किया है.

फायरिंग की जड़ जमीन विवाद

दोनों पक्षों के बीच बहस जमीन को लेकर शुरू हुई. फायरिंग में महेश गायकवाड़ और उनका एक समर्थक घायल हो गए. उल्हासनगर में शुक्रवार रात फायरिंग हुई. विधायक ने 10 साल पहले एक जमीन खरीदी थी, यही जमीन दोनों पक्षों के बीच विवाद के केंद्र में है. उन्होंने दावा किया कि कुछ कानूनी मुद्दे थे लेकिन उन्होंने अदालत में केस जीत लिया और जमीन उन्हें दे दी गई. उन्होंने आरोप लगाया, लेकिन महेश गायकवाड़ ने इस पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया. गोलीबारी के बाद गणपत गायकवाड़ और 2 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है. गोली लगने से घायल हुए शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ और एक अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है और वे वेंटिलेटर पर हैं.

वहीं, विपक्षी दल, विशेष रूप से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने सरकार पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ा. पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि घटना से पता चलता है कि चूंकि राज्य में शिवसेना और भाजपा दोनों सत्ता में हैं, इसलिए इन पार्टियों के लोगों में कानून का डर खत्म हो गया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ”राज्य सरकार के दोनों इंजन फेल हो गए हैं.

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