टीम इंडिया के हालात हैं चिंताजनक, बगैर ‘फॉर्म’ कैसे बनेगा वर्ल्ड कप जीत का ‘फॉर्मूला?

सिर्फ 6 महीने ही तो बीते हैं, भारतीय टीम धमाकेदार अंदाज में वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी. जिस अंदाज में उसने फाइनल तक का सफर तय किया था, हर कोई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसका दावा मजबूत मान रहा था. लेकिन फाइनल में अनहोनी हुई. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार और लंबा कर दिया. अब एक बार फिर आईसीसी टूर्नामेंट आ गया है. बस फॉर्मेट अलग है. T20 फॉर्मेट के वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम न्यूयॉर्क पहुंच चुकी है. न्यूयॉर्क के करीब एक बहुत छोटी सी जगह गार्डन सिटी में टीम इंडिया ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. खिलाड़ियों ने फुटबॉल खेला. दो महीने से ज्यादा चले आईपीएल के बाद वापस एकजुट हुए. विराट कोहली अभी टीम के साथ नहीं जुड़े हैं लेकिन वो भी जल्दी ही पहुंच जाएंगे.
इस बार T20 वर्ल्ड कप में 20 टीम हिस्सा ले रही हैं. कुल मिलाकर आईसीसी की कोशिश यही है खेल के तौर पर क्रिकेट का प्रचार-प्रसार हो. इसीलिए अमेरिका को पहली बार इतने बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी दी गई है. अब एक बार फिर ये चर्चा गर्माने लगी है कि इस बार खिताब का सबसे बड़ा दावेदार कौन है? इंग्लैंड के पूर्व कप्तान आएन मॉर्गन ने कहा है कि उनकी फेवरिट टीम भारत ही है. उन्होंने भारतीय टीम की बल्लेबाजी की गहराई की तारीफ की है. साथ ही ये भी कहा है कि जिस टीम को शुभमन गिल और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों को बाहर बिठाना पड़े उस टीम का ‘लेवल’ समझा जा सकता है. लेकिन आएन मॉर्गन की इन बातों को वास्तविकता की कसौटी पर खना जरूरी है. क्योंकि वहां कहानी कुछ और ही है.
विराट को छोड़कर बाकी बल्लेबाज़ों की फॉर्म औसत
किसी भी खेल में सबसे अहम है खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म. इसके आंकड़े भी बिल्कुल ताजे-ताजे हैं. सैंपल साइज भी ठीक ठाक मैचों का है. क्योंकि सभी खिलाड़ी अभी आईपीएल खेलकर ही गए हैं. यही कसौटी असली सरदर्द है. बल्लेबाजी में विराट कोहली ने ऑरेंज कैप जीती. उन्होंने 1 शतक और 5 अर्धशतक की बदौलत 741 रन बनाए. उनकी औसत 61.75 की थी और स्ट्राइक रेट-154.69. लेकिन इसके बाद मौजूदा भारतीय टीम का कोई भी खिलाड़ी टॉप 10 स्कोरर में नहीं है. 531 रन के साथ 5वें नंबर पर संजू सैमसन हैं लेकिन उन्हें ऋषभ पंत के रहते प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिल पाएगा. सातवें नंबर पर केएल राहुल भी हैं लेकिन वो टीम का हिस्सा नहीं हैं.
सबसे पहले कप्तान रोहित शर्मा की बात करें तो उन्होंने आखिरी लीग मैच में अर्धशतक जरूर लगाया लेकिन बाकी ज्यादातर मैच में उनका बल्ला खामोश रहा. इस फॉर्मेट में टीम इंडिया के सबसे बड़े ट्रंपकार्ड सूर्यकुमार यादव 11 मैच में 345 रन ही बनाए हैं. हार्दिक पांड्या की हालत तो और ज्यादा खराब है. उन्होंने 14 मैच में सिर्फ 216 रन बनाए हैं. पांड्या की स्ट्राइक रेट भी 143 की है. जडेजा भी 10 मैच में 222 रन के साथ औसत फॉर्म में ही दिख रहे हैं. शिवम दुबे ने 14 मैच में 396 रन बनाए हैं. उनकी स्ट्राइक रेट करीब 163 की है. इसके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 16 मैच में 435 रन बनाए हैं. पंत के खाते में 13 मैच में 446 रन हैं.
इन आंकड़ों में एक पेंच और भी है. जिन बल्लेबाज़ों ने ठीक-ठाक रन बनाए हैं उन्होंने भी सीजन के शुरूआती मैच में रन बनाए हैं. हालिया मैच में उनके रन नहीं बने हैं. मसलन- शिवम दुबे ने 14 मैच में 396 रन बनाए हैं. लेकिन इसमें आखिरी पांच मैच में उन्होंने सिर्फ 46 रन बनाए हैं. इसमें से 2 मैच ऐसे हैं जब उन्होंने खाता तक नहीं खोला. यशस्वी जायसवाल के खाते में पिछली पांच पारियों में 115 रन हैं. यानी कुल मिलाकर कहानी ऐसी है कि कुछ बल्लेबाज़ों ने आईपीएल में शुरूआत तो अच्छी की थी लेकिन अंत तक आते-आते उनकी फॉर्म में गिरावट देखी गई है. इसके लिए हमने पिछले पांच मैच का पैमाना लिया है.
गेंदबाजी की भी यही है कहानी
गेंदबाजी में भी कहानी कुछ ऐसी ही है. जसप्रीत बुमराह ने 13 मैच में 6.48 की इकॉनमी से 20 विकेट लिए हैं. वो 2024 सीजन के तीसरे सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. लेकिन उसके बाद की कहानी लड़खड़ाती है. बुमराह के बाद दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज थे अर्शदीप सिंह. जिन्होंने 19 विकेट लिए. लेकिन उनकी इकॉनमी 10.03 की थी. यानी वो महंगे साबित हुए.
अब बात युजवेंद्र चहल की करते हैं, जिन्होंने सीजन में कुल 18 विकेट लिए . लेकिन पिछले 5 मैच में उनके खाते में सिर्फ 5 विकेट ही आए थे. राजस्थान की टीम बाद के मैचों में जो लगातार हारती रही उसके पीछे चहल का औसत प्रदर्शन भी एक वजह थी. कुलदीप यादव के खाते में 16 विकेट आए. लेकिन पिछले पांच मैच में वो सिर्फ 4 विकेट ले सके. सिराज की इकॉनमी रेट 9.18 की रही. हार्दिक पांड्या ने भी प्रभावित नहीं किया. उन्होंने 14 मैच में 11 विकेट लिए. लेकिन उन्होंने 10.75 की इकॉनमी से रन दिए. यानी वो खासे महंगे साबित हुए. जडेजा को 14 मैच में सिर्फ 8 विकेट से संतोष करना पड़ा. स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल को भी 14 मैच में 11 विकेट मिले.
कुल मिलाकर कहानी कुछ ऐसी है कि इस प्रदर्शन को खराब प्रदर्शन नहीं कहा जाएगा लेकिन ये औसत प्रदर्शन ही है. शिवम दुबे का नाम ऑलराउंडर की लिस्ट में शामिल जरूर है लेकिन उन्होंने पूरे आईपीएल में सिर्फ एक ओवर फेंका था. वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा उनसे कितनी गेंदबाजी कराएंगे कहना मुश्किल है. यानी कुल मिलाकर बुमराह को छोड़ दें तो बाकि गेंदबाजों की स्थिति तनावपूर्ण ही कही जाएगी. उस पर से मुकाबला उन पिचों पर खेला जाना है जो हर किसी के लिए नई है. रोहित शर्मा के लिए बिना फॉर्म वाले खिलाड़ियों के दम पर जीत का फॉर्मूला तैयार करना आसान नहीं रहेगा.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *