डेंगू के खतरे के बीच जीका वायरस के मामले भी आने लगे, क्या है दोनों में अंतर?

भारत के कुछ राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है. आने वाले दिनों में कई इलाकों में बारिश पड़ने की संभावना है. बारिश के इस मौसम में जिस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है वह डेंगू है. हर साल भारत में इसके केस आते हैं. कुछ मरीजों की मौत भी हो जाती है. फिलहाल डेंगू के मामले नहीं आए हैं, लेकिन इस बीच देश में जीका वायरस के दो केस की पुष्टि हुई है. पुणे में यह दोनों मामले आए हैं. जीका वायरस भी डेंगू की तरह की मच्छर के काटने से होता है, हालांकि इसके केस डेंगू की तुलना में कम आते हैं, लेकिन यह भी खतरनाक बीमारी है.
बारिश के मौसम में जीका वायरस फैलाने वाले मच्छरों के पनपने का भी खतरा रहता है. ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. डेंगू और जीका दोनों ही वायरस जनित बीमारियां हैं और मच्छरों के काटने से ही होती है, लेकिन इनके लक्षण और इनसे शरीर को होने वाले नुकसान में अंतर है. ऐसे में आपको इन दोनों बीमारियों के लक्षणों का अंतर पता होना चाहिए. यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
डेंगू और जीका में क्या है अंतर
लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ एल. एच घोटेकर बताते हैं कि जीका वायरस एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलता है. यह रोग संक्रामक है जिसका मतलब है कि ये बीमारी एक मरीज से दूसरे मरीज में फैलती है. जीका का संक्रमण किसी को भी हो सकता है. अगर वह संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है तो वायरस फैल जाता है. जीका एक प्रकार का आरएनए वायरस है और गर्भवती मां से नाल के जरिए उसके बच्चे में भी जा सकता है. जीका वायरस ब्लड संक्रमण के जरिए भी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
जीका वायरस के लक्षण
हल्का बुखार
शरीर पर चकत्ते
आँखों में लालिमा
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
डेंगू
जीका वायरस की तरह, डेंगू भी मच्छर के काटने से होता है. लेकिन यह एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है. डेंगू से संक्रमित होने पर कुछ मरीजों मेंप्लेटलेट काउंट कम हो सकता है. इससेह गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं. डेंगू का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि मानसून के दौरान कई जगहों पर पानी का जमाव होता है. इससे मच्छरों के पनपने की जगह बन जाती है. डेंगू अधिकतर मामलों में हफ्तेभर में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इससे शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है, जो जानलेवा होता है.
डेंगू बुखार के लक्षण
तेज़ बुखार
शरीर या जोड़ों में दर्द
सिर दर्द
पेट में दर्द
अत्यधिक थकान
उल्टी करना
प्लेटलेट्स कम होना
कैसे करें बचाव
दोनों बीमारियां से बचाव का तरीका एक ही है. अपने घर के आसपास या घर में किसी जगह पानी जमा न होने दें. पूरी बाजू के कपड़े पहनें. अगर किसी में जीका के लक्षण दिख रहे हैं तो उस मरीज के संपर्क में आने से बचें. बुखार के साथ सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द है तो तुरंत अस्पताल जाएं.

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डेंगू के खतरे के बीच जीका वायरस के मामले भी आने लगे, क्या है दोनों में अंतर?

भारत के कुछ राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है. आने वाले दिनों में कई इलाकों में बारिश पड़ने की संभावना है. बारिश के इस मौसम में जिस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है वह डेंगू है. हर साल भारत में इसके केस आते हैं. कुछ मरीजों की मौत भी हो जाती है. फिलहाल डेंगू के मामले नहीं आए हैं, लेकिन इस बीच देश में जीका वायरस के दो केस की पुष्टि हुई है. पुणे में यह दोनों मामले आए हैं. जीका वायरस भी डेंगू की तरह की मच्छर के काटने से होता है, हालांकि इसके केस डेंगू की तुलना में कम आते हैं, लेकिन यह भी खतरनाक बीमारी है.
बारिश के मौसम में जीका वायरस फैलाने वाले मच्छरों के पनपने का भी खतरा रहता है. ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है. डेंगू और जीका दोनों ही वायरस जनित बीमारियां हैं और मच्छरों के काटने से ही होती है, लेकिन इनके लक्षण और इनसे शरीर को होने वाले नुकसान में अंतर है. ऐसे में आपको इन दोनों बीमारियों के लक्षणों का अंतर पता होना चाहिए. यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
डेंगू और जीका में क्या है अंतर
लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ एल. एच घोटेकर बताते हैं कि जीका वायरस एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलता है. यह रोग संक्रामक है जिसका मतलब है कि ये बीमारी एक मरीज से दूसरे मरीज में फैलती है. जीका का संक्रमण किसी को भी हो सकता है. अगर वह संक्रमित मरीज के संपर्क में आता है तो वायरस फैल जाता है. जीका एक प्रकार का आरएनए वायरस है और गर्भवती मां से नाल के जरिए उसके बच्चे में भी जा सकता है. जीका वायरस ब्लड संक्रमण के जरिए भी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.
जीका वायरस के लक्षण
हल्का बुखार
शरीर पर चकत्ते
आँखों में लालिमा
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
डेंगू
जीका वायरस की तरह, डेंगू भी मच्छर के काटने से होता है. लेकिन यह एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है. डेंगू से संक्रमित होने पर कुछ मरीजों मेंप्लेटलेट काउंट कम हो सकता है. इससेह गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं. डेंगू का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि मानसून के दौरान कई जगहों पर पानी का जमाव होता है. इससे मच्छरों के पनपने की जगह बन जाती है. डेंगू अधिकतर मामलों में हफ्तेभर में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इससे शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है, जो जानलेवा होता है.
डेंगू बुखार के लक्षण
तेज़ बुखार
शरीर या जोड़ों में दर्द
सिर दर्द
पेट में दर्द
अत्यधिक थकान
उल्टी करना
प्लेटलेट्स कम होना
कैसे करें बचाव
दोनों बीमारियां से बचाव का तरीका एक ही है. अपने घर के आसपास या घर में किसी जगह पानी जमा न होने दें. पूरी बाजू के कपड़े पहनें. अगर किसी में जीका के लक्षण दिख रहे हैं तो उस मरीज के संपर्क में आने से बचें. बुखार के साथ सिरदर्द या मांसपेशियों में दर्द है तो तुरंत अस्पताल जाएं.

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