डेंगू के बुखार में बकरी का दूध क्या प्लेटलेट्स बढ़ा देता है, एम्स के डॉक्टर से जानें

इस साल ज्यादा बारिश के चलते पूरे देश में डेंगू के मामलों में उछाल देखा जा रहा है. दिल्ली, पुणे, महाराष्ट्र और अब लखनऊ से भी इसके मामले रिपोर्ट किये जा रहे है. डेंगू से दिल्ली में जहां एक वही लखनऊ में दो मौते हो चुकी हैं. डेंगू का बुखार जब बेहद जानलेवा हो जाता है जब इसमें व्यक्ति की प्लेटलेट्स काउंट तेजी से गिरने लगते हैं. एक सामान्य शरीर में खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होती हैं. लेकिन इस बुखार में ये प्लेटलेट्स 5,000 प्रति माइक्रोलीटर तक पहुंच जाती हैं जिसमें मरीज की जान तक जा सकती है. इसलिए कई बार इसे बढ़ाने के लिए मरीज को खून की ही तरह प्लेटलेट्स चढ़ानी पड़ती हैं.
प्लेटलेट्स हमारे रक्त में मौजूद सबसे छोटी कोशिकाएं होती हैं जिन्हें हम केवल माइक्रोस्कोप की मदद से ही देख सकते हैं, ये व्हाइट कलर की रंगहीन कोशिकाएं होती है जिनका कोई रंग नहीं होता. ये हमारे शरीर में ब्लीडिंग को रोकने में मदद करती हैं. मेडिकल टर्म में इन्हें थ्रोम्बोसाइट्स कहते हैं. प्लेटलेट्स की ही मदद से शरीर में रक्तस्राव नहीं होता इसलिए इन्हें सामान्य रखना बेहद जरूरी होता है वर्ना ब्लड लॉस होने का खतरा रहता है जिससे मरीज की जान को खतरा हो जाता है. यही वजह है कि डेंगू के मरीज की प्लेटलेट्स को मॉनीटर करने के लिए बार-बार ब्लड टेस्ट किए जाते हैं.
बकरी का दूध बढ़ाता है प्लेटलेट्स
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मरीज की प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए विटामिन बी12, विटामिन सी, फोलेट, और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने चाहिए लेकिन काफी लोग मानते हैं कि बकरी के दूध से भी प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाया जा सकता है लेकिन एम्स में मेडिसिन डिपार्टमेंट में एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल बताते है कि बकरी के दूध से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने का कोई सीधा-सीधा संबंध नहीं है क्योंकि मेडिकल साइंस में भी इस बात का कोई प्रूफ नहीं है कि बकरी के दूध से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ता है. लोग सुनी सुनाई बातों पर यकीन कर इस तरह की चीजें करते हैं लेकिन इस दौरान डॉक्टर के परामर्श के बिना कोई भी ट्रीटमेंट खुद से हानिकारक साबित हो सकता है.
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय
– मरीज का प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए फलों का सेवन कराएं जिसमें पपीता, अनार, कीवी, चुकंदर, केला. पालक शामिल हो.
– साथ ही मरीज को विटामिन बी12, विटामिन सी, फोलेट और आयरन से भरपूर खाना खिलाएं.
– इस समय मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट दें जिसमें नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ आदि को शामिल कर सकते हैं.

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