डेंगू से रिकवर होने के बाद भी गिर रही हैं प्लेटलेट्स? ये बीमारी हो सकती है कारण

बारिश के मौसम में डेंगू बुखार के मामले बढ़ते हैं. डेंगू के कारण कुछ मरीजों के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है. अगर प्लेटेलेट्स 50 हजार से कम हो जाए तो मरीज की जान को रिस्क रहता है. प्लेटलेट्स कम होना सिर्फ डेंगू के कारण नहीं होता. इसकी वजह एक दूसरी बीमारी भी है. इस बीमारी को इम्युन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया पुरपुरा कहते हैं. खून में होने वाली ये डिजीज प्लेटलेट्स काउंट को तेजी से घटा सकती है. अभी तक इस बीमारी के होने के कारणों की सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर के इम्यून सिस्टम में आई किसी खराबी के कारण ये बीमारी हो जाती है.
मुंबई के जसलोक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर में डॉ. पायल कनेरिया बताती हैं कि इम्युन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम ही प्लेटलेट्स को नुकसान पहुंचाने लगता है. इससे शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगता है. सीबीसी और पीएस टेस्ट की मदद से इस बीमारी का पता लगाया जाता है. कुछ मामलों में डेंगू से रिकवर होने के बाद यह डिजीज हो सकती है.
कौन से टेस्ट से बीमारी का चलता है पता?
अगर किसी व्यक्ति को डेंगू नहीं है और फिर भी शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या 1 लाख से नीचे है और लगातार कम हो रही है तो यह इम्युन थ्रोम्बोसाइटोपेनिया बीमारी का लक्षण हो सकता है, हालांकि ये बीमारी बहुत कॉमन नहीं है, लेकिन फिर भी अगर ये लक्षण दिख रहे हैं तो एक बार अपना सीबीसी टेस्ट करा लेना चाहिए. अगर टेस्ट में प्लेटलेट्स 1 लाख से कम दिख रही हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. दवाओं के जरिए इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.
कैसे दिखते हैं लक्षण
स्किन के नीचे छोटे-छोटे चक्कते बनना
मसूड़ों, मुंह और नाक से खून आना
शरीर पर बड़े आकार के चोट के निशान बनना
घुटने या कोहनी के जोड़ में जख्म बनना
हमेशा थकान बनी रहना
पीरियड्स के दौरान अधिक खून आना
कैसे करें बचाव
यह बीमारी इम्यून सिस्टम में गड़बड़ के कारण होती है. ऐसे में इससे बचाव का कोई खास तरीका नहीं है, लेकिन इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. अगर शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम होने वाले लक्षण दिख रहे हैं तो जांच करा लें और डॉक्टर से इलाज कराएं.

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