डेंगू होने पर कैसे पता करें कि प्लेटलेट्स होने लगी हैं कम, कौन से तीन लक्षण सबसे पहले दिखते हैं?
इस बार ज्यादा बारिश होने से जगह जगह जलभराव के कारण मच्छरों से होने वाले बुखार के मामले ज्यादा बढ़े हैं. ऐसे में देशभर से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं. डेंगू बुखार का सबसे खतरनाक पहलू होता है प्लेटलेट्स काउंट का कम होना. ये बेहद ही खतरनाक स्थिति होती है. डेंगू के बुखार में वायरस की वजह से मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगती है ऐसे में मरीज की जान को खतरा हो सकता है. इसलिए डॉक्टर मरीज की प्लेटलेट्स पर नजर बनाए रखते हैं और उसे बढ़ाने और सामान्य बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं.
प्लेटलेट्स कम होने से पूर्व जानते हैं कि आखिर प्लेटलेट्स होती क्या है और ये हमारे लिए क्यों जरूरी है, दरअसल प्लेटलेट्स रक्त में मौजूद सबसे छोटी कोशिकाएं होती हैं जिन्हें केवल माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है. ये रंगहीन होती हैं यानी इनका कोई रंग नहीं होता और ये हमारे शरीर में रक्तस्राव को रोकने में मदद करती हैं. इन्हें थ्रोम्बोसाइट्स भी कहते हैं.
एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होते हैं. प्लेटलेट काउंट जानने के लिए, कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट कराना पड़ता है. प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए विटामिन बी12 और सी, फोलेट, और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाए जाते हैं.
प्लेटलेट्स कम होने पर दिखने वाले लक्षण
डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है. मच्छर के काटने के कुछ दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. डेंगू की स्थिति में मरीज को तेज बुखार आता है. इसके साथ ही मरीज को
– भयंकर सिरदर्द
– मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
– थकान और कमजोरी
– आंखों में दर्द
– शरीर पर दाने
– हल्की ब्लीडिंग के निशान जैसी परेशानियां हो सकती हैं.
यें हैं गंभीर लक्षण
– नाक, मसूढ़ों से खून बहना
– पेट में तेज दर्द
– खून की उल्टी
– काले रंग का मल या पेशाब में खून
– स्किन पर छोटे लाल-भूरे रंग के धब्बे जैसे लक्षण दिखाई देते है.
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या
प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते हैं, ये बेहद ही खतरनाक स्थिति होती है जिसमें मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है. हालांकि डेंगू के गंभीर होने पर तीसरे-चौथे दिन प्लेटलेट्स काउंट पर असर पड़ना शुरू होता है. जो दो-तीन तक बना रहता है. लेकिन आठवें नौंवे दिन इसमें सुधार आना शुरू हो जाता है.
ये कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए
– प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती जरूर करवाना चाहिए.
– वहां बार-बार ब्लड टेस्ट की मदद से प्लेटलेट्स काउंट को मॉनीटर किया जाएगा.
– 20 हजार प्लेटलेट्स काउंट होने पर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत भी पड़ सकती है, वर्ना मरीज की जान को खतरा हो सकता है.
– ऐसे मामलों में देरी करने से मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है.
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या करें
– मरीज को प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि पपीता, अनार, कीवी, चुकंदर, पालक, गिलोय, नारियल पानी और कद्दू का सेवन कराना चाहिए
– इसके अलावा विटामिन बी12, विटामिन सी, फोलोट और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ खिलाने चाहिए.
– विटामिन के से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि केला, पालक, ब्रोकोली और स्प्राउट्स खाना फायदेमंद है.
– डेंगू के मरीज को ज्यादा लिक्विड दें जैसे कि नींबू पानी, नारियल पानी और छाछ.
डेंगू में प्लेटलेट्स को बार-बार मॉनीटर करते रहें क्योंकि प्लेटलेट्स कम होने से मरीज की जान को खतरा हो सकता है. इसलिए प्लेटलेट्स को कम न होने दें और मरीज की डाइट का पूरा ख्याल रखें.