तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मलेशिया जाने की मिली मंजूरी
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को 31 अगस्त से 10 सितंबर तक मलेशिया के सेलंगोर की यात्रा करने की मंजूरी दे दी है. इस यात्रा का उद्देश्य नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में भाग लेना है. जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने तीस्ता को कुछ शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दी है.
कोर्ट ने सीतलवाड़ को 10 लाख रुपये की सिक्योरिटी मनी जमा करने का आदेश दिया है. इसके अलावा बेंच ने तीस्ता सीतलवाड़ से ये भी कहा है कि वो अपने सफर की पूरी जानकारी देंगी. साथ ही उनसे कहा गया है कि कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही वो अपना पासपोर्ट जमा करवा देंगी.
तीस्ता सीतलवाड़ इस वक्त जमानत पर बाहर हैं. उनपर गुजरात में हुए 2002 के दंगों के संबंध में सरकारी अधिकारियों को फंसाने के लिए कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है. इसके अलावा उन पर गुजरात राज्य की साज़िश के तहत छवि खराब का भी आरोप है.
सुप्रीम कोर्ट से मिली थी राहत
इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए इसी साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को राहत देते हुए जमानत दे दी थी. उस वक्त ही सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता से कहा था कि वो जमानत की शर्त के मुताबिक अपना पासपोर्ट जमा करवाएंगी. आज सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने तीस्ता सीतलवाड़ की तरफ से पेश होते हुए कोर्ट से कहा कि तीस्ता जमानत की शर्तों में रियायत चाहती हैं ताकि वो मलेशिया की यात्रा कर सकें.
जाकिर नाइक का ज़िक्र
सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट को सलाह दी कि अगर उन्हें (तीस्ता सीतलवाड़) विदेश यात्रा की मंजूरी दी जाती है तो उनके भारत वापसी को सुनिश्चित करने के लिए शर्तें ज़रूर लगाई जाएं. उन्होंने कहा, “उन्हें यात्रा के मकसद और कॉन्फ्रेंस से जुड़ी जानकारी बतानी चाहिए. लॉर्डशिप पेंडिंग ट्रायल में शामिल होने के लिए वापसी सुनिश्चित हो सके, इसके लिए शर्तें लगा सकते हैं. हमें गंभीर आशंका है…ज़ाकिर नाइक (आतंकवाद का आरोपी, भारतीय कानून की नज़र में भगोड़ा) वहीं रहता है माय लॉर्ड.
24 जून 2022 को सुप्रीम कोर्ट 2002 गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ कुछ सख्त टिप्पणियां की थीं. इसके अगले ही दिन तीस्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था.