… तो जीत जाते 240 सीटें, कांग्रेस नेता ने बताया 15-20 साल से कहां हो रही गलती
लोकसभा चुनाव के नतीजे आए एक महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन अभी भी इसको लेकर चर्चा हो रही है. गर्त में जा रही कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में 99 सीटों पर जीत दर्ज की है. यह सीटें पार्टी के लिए संजीवनी से कम नहीं हैं. हालांकि कभी दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस का इस बार भी जीरो पर रही. इस बीच दिल्ली की नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा सीट से हार का सामना करने वाले कांग्रेस नेता उदित राज का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोगों ने उन्हें अंदरूनी तौर पर नुकसान पहुंचाया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के कुछ लोगों ने उनके साथ विश्वासघात किया जो पहले से ही ऐसा करते आ रहे हैं. ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोगों ने उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया. उदित राज ने कहा कि कांग्रेस में इतनी डेमोक्रेसी है कि चाहे कोई कितना भी नुकसान कर दे उसके बावजूद भी उनके खिलाफ पार्टी में कोई कार्रवाई नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता तो चुनाव में 240 सीटें सिर्फ कांग्रेस की आती.
#WATCH | Congress leader Udit Raj says “…Some people in the Congress party are involved in spreading misinformation and no action is taken against them. Otherwise, Congress would have won 240 seats (in Lok Sabha elections)…If there was no internal fighting in the party, the pic.twitter.com/ZptYVXMCFo
— ANI (@ANI) July 9, 2024
‘संगठन होता तो 240 सीटें जीतती कांग्रेस’
इसके आगे उदित राज ने कहा चुनाव के दौरान कांग्रेस में राहुल गांधी ने जो मेहनत जो संघर्ष किया और जिस तरह से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नेतृत्व किया है ऐसे में अगर पार्टी के अंदर आंतरिक कलह न होती तो कांग्रेस की 50 से 60 सीटें और बढ़ जाती. वहीं अगर संगठन होता तो पार्टी 240 सीटों पर जीत दर्ज करती. इतना राहुल गांधी के लिए और कांग्रेस के लिए देश की जनता विश्वास है.
‘कुछ लोग पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं’
उदित राज ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पार्टी के अंदर कुछ लोग ऐसे हैं जो अपने फायदे के लिए पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं. कांग्रेस के अंदर भीतरघात को लेकर उन्होंने कहा कि यह आज से नहीं है बल्कि पिछ 15, 20 सालों से ऐसा हो रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के लोगों ने उनका विरोध 14 में किया, 2019 में किया और इस बार के चुनाव में भी किया लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ पार्टी में कोई कार्रवाई नहीं होती. जबकि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं को बख्शा नहीं जाना चाहिए.
‘पार्टी में संगठन होना बहुत जरूरी है’
पार्टी में संगठन की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिए संगठन होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर संगठन नहीं है. जिन लोगों ने पार्टी को चुनाव हरवाया आज वही लोग जिला की कमान संभाले है. ऐसे में कार्यकर्ता दूर चले जाते हैं और नकारात्मकता बढ़ जाती है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में लीडरशिप स्टेबलिश हो गई है ऐसे में अब सब कुछ सुचारू रूप से होगा, संगठन भी बनेगा.