दिल्ली, मुंबई, चेन्नई…देश के प्रमुख शहरों में प्याज 5 रुपए सस्ती हुई
बीते कुछ महीनों में आसमान छूते प्याज दाम धीरे-धीरे ही सही जमीन पर आने शुरू हो गए हैं. इस बात की जानकारी खुद सरकार की ओर से दी गई है. कंज्यूमर मामलों के मंत्रालय का मानना है कि सरकार की सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री की पहल से कुछ ही दिनों में देश के प्रमुख शहरों में कीमतों में 5 रुपए की गिरावट देखने को मिली है. इस लिस्ट में दिल्ली, मुंबई के अलावा चेन्नई और देश के दूसरे शहरों का नाम भी शामिल है. सरकार दिल्ली में 35 रुपए प्रति किलोग्राम प्याज बेच रही है. जबकि रिटेल में प्याज कीमतें अब भी 50 रुपए प्रति किलोग्राम से ज्यादा बिक रही हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से प्याज की कीमतों को लेकर क्या कहना है?
सरकार की पहल से सस्ता हुआ प्याज
कंज्यूमर मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पांच सितंबर को शुरू की गई सरकार की सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री की पहल से कुछ ही दिनों में प्रमुख शहरों में कीमतों में गिरावट आई है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपए से घटकर 55 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि मुंबई में 61 रुपए से घटकर 56 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई. चेन्नई में खुदरा कीमत 65 रुपए से घटकर 58 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई. सरकार ने मोबाइल वैन और एनसीसीएफ और नैफेड के आउटलेट के जरिए 35 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दर पर प्याज की बिक्री शुरू की है. दिल्ली और मुंबई में शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब चेन्नई, कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी फैल चुका है.
इन शहरों में सरकार की पहल
बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने सब्सिडी वाले प्याज की मात्रा बढ़ाने और वितरण चैनलों का विस्तार करके ई-कॉमर्स मंच, केंद्रीय भंडार आउटलेट और मदर डेयरी के सफल स्टोर को शामिल करने का फैसला किया है. सरकार ने प्रमुख शहरों में प्याज़ का थोक निपटान भी शुरू कर दिया है. यह दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पहले ही शुरू हो चुका है, और हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता और अंततः सभी राज्यों की राजधानियों तक इसे विस्तारित करने की योजना है. रसद आपूर्ति में सुधार और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सड़क और रेल नेटवर्क दोनों को शामिल करते हुए एक दोहरी परिवहन रणनीति लागू की जा रही है.
और सस्ता हो सकता है प्याज
उपभोक्ता मामले विभाग मांग और मूल्य प्रवृत्तियों के आधार पर लक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि 4.7 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक और पिछले वर्ष की तुलना में खरीफ बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के साथ सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी. इसमें कहा गया है कि उन्नत खुदरा और थोक बिक्री रणनीतियों के संयोजन से कीमतों में स्थिरता आएगी और किफायती प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी.