दिल्ली में NDA प्रवक्ताओं की बैठक, बजट पर अपनी बात रखने के सिखाए गुर

मंगलवार 23 जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इस बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थीं. महिलाओं. युवाओं के साथ ही बिहार और आंध्र प्रदेश को लेकर बजट में कई बड़े ऐलान किए गए. सरकार के तमाम नेता जहां इस बजट की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल इसे दिशाहीन बता रहे हैं. इस बीच बीजेपी मुख्यालय में एनडीए प्रवक्ताओं की हुई बड़ी बैठक हुई. इस दौरान बताया गया कि बजट पर कैसे अपनी बात लोगों के सामने रखें.
एनडीए प्रवक्ताओं की इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल समेत कई लोग शामिल हुए. इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरीके से बजट की बातों को जनता के बीच में लेकर जाना है और किस तरह से इसके बारे में लोगों को बताना है. ताकि लोग सरकार के बजट के बारे में अच्छी तरह से जान सकें और उसे समझ सकें.
प्रवक्ताओं को सिखाए गए अपना पक्ष रखने के गुर
विकसित भारत, महिला सशक्तिकरण, गरीब कल्याण की बात को लेकर एनडीए प्रवक्ताओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संबोधित किया. इस दौरान एनडीए के सभी प्रवक्ताओं को कहा गया कि वह और पार्टी के कार्यकर्ता छोटे छोटे कस्बों और शहरों और यहां तक की गांव में जाएं और लोगों को बताएं कि किस तरीके से यह बजट उनके हित में है और इससे उनको कैसे लाभ होगा.
बैठक में जेडीयू, आरएलडी, शिवसेना, टीडीपी, राजभर की सुभाषपा पार्टी सहित एनडीए के तमाम घटक दलों के दो-दो नेताओं को वित्त मंत्री समेत अन्य केंद्रीय नेताओं ने अपनी बातों को जनता तक ले जाने और सकारात्मक ढंग से प्रचार प्रसार करने के गुर सिखाए. इसके साथ ही सभी एनडीए प्रवक्ताओं को विपक्षी दलों के द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर अपने तरफ से पक्ष रखने की बात को भी सिखाया गया. ताकि विपक्ष के हर सवाल का जवाब वो सही तरह से दे सकें और अपनी बात समझा सकें.
बजट पर विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
दरअसल विपक्षी दल सरकार के बजट पर सवाल खड़े कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार के इस बजट को कुर्सी बचाओ बजट करार दिया तो वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे दिशाहीन बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट का कोई विजन नहीं है. इसके साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह बजट पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर और धन्नासेठों के लिए है. उन्होंने इसे मायूस करने वाला बजट कहा.
आगामी चुनाव में फायदा मिलने की उम्मीद
इस साल महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव होने हैं वहीं उत्तर प्रदेश में उपचुनाव भी होने वाले हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने में तो कामयाब हो गई लेकिन पार्टी को अकेले बहुमत नहीं मिल पाया. ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि बजट में जो वादे किए गए हैं जो योजनाएं हैं उनकी जानकारी लोगों तक पहुंचे. ताकि आगामी चुनावों में पार्टी को इसका फायदा मिल सके.

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