नितिन गडकरी का बड़ा बयान, पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों से हेल्थ को हो रहा नुकसान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने SIAM सम्मेलन में वायु गुणवत्ता सुधार को लेकर बड़ी बात कही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह पेट्रोल और डीजल के खिलाफ नहीं हैं. गडकरी ने कहा कि मैं पेट्रोल और डीजल के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन लोगों को वायु प्रदूषण से बचाने की जरूरत है. लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए वायु प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
गडकरी ने ली जिम्मेदारी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए अधिक रोजगार पैदा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. भारत में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, आपके मंत्री के तौर पर मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं. गडकरी ने कहा कि अपने क्षेत्र में मिश्रित ईंधन के साथ प्रयोग करना एक बड़ी चुनौती है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीजल के साथ मेथनॉल को मिलाया जा सकता है. गडकरी ने कहा कि हरित ऊर्जा की ओर रुख करने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि हम डीजल पर 100 करोड़ रुपये खर्च करते हैं और प्रदूषण पैदा करते हैं. गडकरी ने कहा कि 2014 में डीजल पीवी का हिस्सा 53 प्रतिशत था, जो अब 18 प्रतिशत है.
ईवी को लेकर कही ये बात
उन्होंने हाल ही में कहा था कि मेरा आकलन है कि सब्सिडी के बिना आप (ईवी की) उस लागत को बनाए रख सकते हैं, क्योंकि उत्पादन लागत कम है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दो साल के भीतर पेट्रोल वाहन तथा डीजल वाहन की लागत इलेक्ट्रिक के बराबर हो जाएगी, क्योंकि पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर बचत हो रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि यदि वित्त मंत्री और भारी उद्योग मंत्री सब्सिडी देना चाहते हैं तो यह मोटर वाहन उद्योग के लिए फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा कि मुझे कोई समस्या नहीं है. मैं इसका विरोध नहीं करूंगा.