नेतन्याहू ने क्यों कहा…हमसे गलती हुई, दुनिया-जहान से बढ़ रहा था दबाव

एक ऐसे समय में जब यूरोप के देश मसलन स्पेन, आयरलैंड, नॉर्वे फिलिस्तीन को एक स्टेट (राज्य) के तौर पर मान्यता दे रहे हैं, इजराइली आर्मी जिस जगह फिलिस्तीनी बड़ी संख्या में रहते हैं, वहां बमबारी कर रही है. इन सब के बीच गाजा के रफा के में हुए एक इजराइली हमले पर दुनियाभर की प्रतिक्रिया आ रही है. इस सिलसिले में एक असाधारण वाकया सोमवार को देखने को मिला.
इस दिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी विस्थापितों के एक टेंट पर हुए इजराइली हमले को गलती माना. नेतन्याहू ने इजराइल की संसद को संबोधित करते हुए कहा, हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि मासूम नागरिकों को कार्रवाई में नुकसान न पहुंचे मगर पिछली रात एक त्रासद गलती हमसे हुई.
गाजा के दक्षिण में रफा शहर है. यहीं एक विस्थापितों का कैंप बना हुआ था. इसी कैंप के एक टेंट पर इजराइली हमला हुआ जिसमें कम से कम 45 फिलिस्तीनी लोगों की जान चली गई. हमला इतना भयावह था कि उसके आस पास के इलाकों भी इसकी चपेट में आ गए. नेतन्याहू ने इस घटना की जांच करने और एक निष्कर्ष तक पहुंचने की बात की है.
फ्रांस और इजराइल की आई प्रतिक्रिया
मगर फ्रांस, जो न सिर्फ यूरोपियन यूनियन का एक अहम सहयोगी है बल्कि इजराइल का भी अभिन्न मित्र देश है. उसने कहा है कि इजराइल के इस हमले से वह गुस्से में है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रां ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “इस तरह की कार्रवाई बंद होनी चाहिए. फिलिस्तीनी लोगों के लिए गाजा में एक भी सुरक्षित जगह नहीं है. मैं अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के मद्देनजर तत्काल जंगबंदी की मांग करता हूं.”
न सिर्फ फ्रांस बल्कि इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेट्टो ने कहा कि रफा में हुए इजराइल के ऐसे हमलों के इजराइल पर लंबे नतीजे होंगे.
पिछले 8 महीने के बाद मौजूदा हालात
दरअसल 234 दिनों से इजराइल और हमास में जंग जारी है. अब यह जंग इजराइल-हमास की जंग से ज्यादा गाजा पर इजराइली बमबारी के तौर पर तब्दील हो चुकी है. अब तक इस जंग में कम से कम 37 हजार लोगों की जान जा चुकी है.
बावजूद इसके की अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के चीफ प्रोसेक्यूटर करीम खान ने नेतन्याहू और उनकी सरकार में रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के नाम गिरफ्तारी का वारंट जारी करने की अपील की है, इजराइली कार्रवाई थम नहीं रही है.
7 अक्टूबर को इजराइल पर हमाल के चौंकाने वाले हमले के बाद दोनों के बीच जंग शुरू हुई थी. इजराइल के 1,200 लोग इसमें मारे गए. 250 लोगों को हमास ने बंधक बनाया. इसमें से 100 से अधिक युद्धविराम के दौरान हमास की गिरफ्त से बाहर का चुके हैं मगर 100 के करीब अब भी बंधक के तौर पर हमास की कैद में हैं.
इधर इजराइली बमबारी में गाजा की लगभग 80 फीसदी आबादी यानी 10 में से 8 शख्स विस्थापित हो चुका है. गाजा की कुल आबादी 23 लाख है. संयुक्त राष्ट्र की माने तो गाजा में लोग भोजन की कमी से जूझ रहे हैं और बड़े पैमाने पर अकाल की स्थिति है.

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