पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को… चंपई सोरेन को लेकर अटकलों के बीच बीजेपी पर भड़के CM हेमंत सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पाला बदलने की अटकलों के बीच अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने रविवार को बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया है. सीएम की ओर से यह बयान चंपई सोरेन के दिल्ली पहुंचने और उनकी ओर से पार्टी हाईकमान पर निशाना साधने के बीच आया है.
गोड्डा जिले में एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी गुजरात, असम और महाराष्ट्र से लोगों को लाकर आदिवासियों, दलितों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के बीच जहर फैलाने और उन्हें एक-दूसरे से लड़ने का काम कर रही है.
परिवार और दलों को तोड़ने का लगाया आरोप
बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि समाज की बात तो भूल ही जाइए, ये लोग परिवारों और दलों को तोड़ने का काम करते हैं. विधायकों की खरीद-फरोख्त करते हैं. पैसा ऐसी चीज है कि नेताओं को इधर-उधर जाने में ज्यादा समय नहीं लगता.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन चुनाव कार्यक्रम निर्वाचन आयोग की ओर से नहीं, बल्कि राज्य में विपक्षी पार्टी (बीजेपी) द्वारा तय किया जाएगा. ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गया है, क्योंकि इस पर बीजेपी के लोगों का कब्जा हो गया है. मैं चुनौती देता हूं कि अगर राज्य में आज विधानसभा चुनाव हुए तो झारखंड से बीजेपी का सफाया हो जाएगा.
रांची से अचानक दिल्ली पहुंचे चंपई सोरेन
हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में चंपई सोरेन का नाम नहीं लिया. चंपई जो कि रविवार को अचानक रांची से दिल्ली पहुंच गए हैं. राजधानी पहुंचने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी को लेकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की और मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी हाईकमान के व्यवहार को लेकर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं.
पार्टी हाईकमान के व्यवहार पर चंपई ने उठाए सवाल
राज्य के पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक में जब उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांगा गया तो वो हैरान रह गए थे. सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था. अपमान और तिरस्कार के बाद वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया. मैंने उसी बैठक में कह दिया था कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है.