प्रदूषण बढ़ने से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दोनों का खतरा, ऐसे दिखते हैं लक्षण, डॉक्टर से जानें बचाव के तरीके

Air Pollution : दिल्ली और इससे सटे कई इलाकों में प्रदूषण का लेवल पहले की तुलना में कम हुआ है, लेकिन यह अभी भी WHO के तय मानक के हिसाब से काफी अधिक है. अभी भी दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में एक्यूआई 300 से अधिक है. पीएम 2.5 का लेवल भी 200 से अधिक है. प्रदूषण का ये बढ़ा हुआ लेवल हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दोनों का कारण बन सकता है. बुजुर्गों में इन दोनों जानलेवा बीमारियों का खतरा सबसे अधिक है. पॉल्यूशन हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण कैसे बन सकता है. इनके शुरुआती लक्षण क्या हैं और बचाव कैसे किया जा सकता है. इस बारे में जानते हैं.
यूरोपियन हार्ट जर्नल के मुताबिक, जिन इलाकों में एक्यूआई 300 से अधिक होता है और पीएम 2.5 का लेवल 200 के पार होता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 24% तक बढ़ जाता है. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और पीएम 2.5 के कण शरीर में जाते हैं और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बनते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण हार्ट अटैक का खतरा 25% तक बढ़ जाता है. जिन लोगों की उम्र 50 साल से अधिक होती है उनको प्रदूषण बढ़ने से सबसे ज्यादा खतरा होता है. प्रदूषण बढ़ना और मौसम में बदलाव से हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक दोनों का खतरा बढ़ जाता है.
प्रदूषण से ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक कैसे आता है?
मेडिसिन के डॉ. सुभाष गिरि के मुताबिक, पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) , नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और ओजोन (O3) ये तीनों ही प्रदूषित हवा में होते हैं. ये सांस के जरिए लंग्स में जाते हैं. पहले ये लंग्स को नुकसान करते हैं. इससे सांस लेने में परेशानी होती है. फिर ये धीरे-धीरे खून में चले जाते हैं. ये छोटे-छोटे कण नसों में जमने लगते हैं. इस वजह से अंगों तक खून के फ्लो होने में परेशानी होती है.
दिमाग की नसों में खून का फ्लो सही से नहीं हो पाता है और इससे ब्रेन को नुकसान पहुंचता है. ये प्रदूषित कण दिमाग की नसों में भी जम जाते हैं. इससे ब्रेन में खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पाती है और ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. इसी तरह प्रदूषण में मौैजूद छोटे-छोटे कण जब हार्ट की नसों में जाते हैं तो हार्ट में खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. इससे हार्ट पर प्रेशर पड़ता है और हार्ट अटैक आने का रिस्क होता है.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?
चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है. इससे मुंह का एक तरफ का हिस्सा लटक जाता है.
बोलने में परेशानी हो सकती है, जैसे कि शब्दों को सही से बोलने में परेशानी होना
देखने में परेशानी हो सकती है, जैसे कि धुंधला दिखना
सिरदर्द हो सकता है, जो कि बहुत तेज होता है
चक्कर आना
उल्टी आना
हार्ट अटैक के लक्षण
छाती में तेज दर्द
छाती में भारीपन
सांस लेने में परेशानी
बाएं हाथ में और कंधे में दर्द
प्रदूषण से बचाव कैसे करें
बाहर जाने से बचें
बाहर जाना जरूरी है तो मास्क लगाएं
अपनी दवाएं समय पर लें
घर में एयर प्यूरीफायर का यूज करें
खानपान का ध्यान रखें

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *