प्रश्न संख्या-19 का कल सही उत्तर बताए IIT दिल्ली… नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नीट यूजी पेपर लीक मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस दलील पर गौर किया कि एक प्रश्न के दो सही उत्तर थे. इसमें एक सही विकल्प के लिए नंबर दिए गए थे. इस मामले में कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञों से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक प्रश्न के सही उत्तर पर राय देने के लिए कहा है. अब इस मामले में आगे की सुनवाई मंगलवार को होगी. केंद्र सरकार और एनटीए को अपनी दलीलें पेश करनी होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रश्नों पर उठे सवाल को लेकर कहा कि प्रश्न संख्या-19 के लिए हम सही उत्तर देने के लिए आईआईटी दिल्ली से विशेषज्ञों का एक बोर्ड बनाने के लिए कह सकते हैं. वो कल (मंगलवार) शाम तक हमें सही उत्तर बता सकते हैं. इस पर एसजी ने कहा, मुझे कल सुबह 10:30 बजे तक जवाब देने दीजिए.
आईआईटी दिल्ली से राय मांगी जानी चाहिए
कोर्ट ने कहा कि NEET-UG 24 परीक्षा का एक प्रश्न इस प्रकार है. जैसा कि प्रश्न में दर्शाया गया है, छात्रों को अपने उत्तर के रूप में एक विकल्प का चयन करना था. सही उत्तर के संबंध में समस्या को हल करने के लिए, हमारा विचार है कि आईआईटी दिल्ली से विशेषज्ञ की राय मांगी जानी चाहिए. हम आईआईटी दिल्ली के निदेशक से संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का अनुरोध करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निदेशक द्वारा गठित विशेषज्ञ टीम से अनुरोध है कि वो सही विकल्प पर राय तैयार करें और मंगलवार दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को बताएं. रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध है कि वो निर्देश को आईआईटी दिल्ली के निदेशक को बताएं. ताकि राय तैयार करने के लिए शीघ्र कदम उठाए जा सकें.
संजीव मुखिया गैंगस्टर है, उसकी गिरफ्तारी अभी बाकी
इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि जहां तक ​​पेपर लीक का सवाल है, संजीव मुखिया एक गैंगस्टर है. उसकी गिरफ्तारी अभी बाकी है. इसके लिए राजस्थान से सॉल्वर बुलाए गए थे. व्हाट्सएप के जरिए पेपर शेयर किया गया था. इसलिए यह संभव नहीं है कि पेपर लीक सिर्फ पटना तक सीमित हो. यह पूरी तरह से सिस्टमैटिक फेल्योर है.
उन्होंने कहा कि इसमें परीक्षार्थी के पते का सत्यापन नहीं हुआ है. सीसीटीवी कैमरे की निगरानी नहीं हुई. सवाई माधवपुर के बारे में उनके हलफनामे से इसकी पुष्टि होती है. हुड्डा ने आरोप लगाया कि पेपर लीक कराने वालों ने छह घंटे तक प्रश्नपत्र अपने पास रखे. अगर अदालत दोबारा नीट पर विचार नहीं कर रहा है तो कम से कम 164 के कट ऑफ वाले उन 13 लाख योग्य छात्रों को दोबारा परीक्षा देने के लिए कहा जाना चाहिए.
बेशक पेपर हजारीबाग से लीक हुआ है
दूसरे याचिकाकर्ता की तरफ से वकील संजय हेगडे ने कहा कि बेशक पेपर हजारीबाग से लीक हुआ है लेकिन इसे पटना में पकड़ा गया. हमें नहीं पता कि यह सब और कहां-कहां से लीक हुआ है. जांच रिपोर्ट कहती है कि कुछ संदेश करीब 100 लोगों तक पहुंचे. हमें नहीं पता कि लीकेज कितना बड़ा था. यह निश्चित है कि यह पांच मई की सुबह नहीं हुआ बल्कि चार मई की रात या उससे पहले ही हुआ था.
हेगड़े ने कहा कि सीबीआई की जांच सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है. यह कई राज्यों को कवर कर रही है. सीबीआई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है कि यह लीकेज स्थानीय स्तर पर हुआ था. उन्होंने कहा कि नीट को योग्यता का एक पैमाना माना जाता है. अगर आप नीट के लिए योग्य हैं तो आप सिर्फ देश की सरकारी सीटों के लिए ही नहीं कई देश भी नीट को स्वीकार करते हैं.
NTA लगातार इस बात से इनकार करता रहा
उन्होंने कहा, सवाल यह भी है कि 164 का कट-ऑफ पाने वाले 13 लाख छात्र… क्या उन सभी का निष्पक्ष मानक के साथ मूल्यांकन किया गया है? क्या हम कह सकते हैं कि सभी को उतने नंबर मिले, जिनके वे हकदार थे? एक प्रतियोगी परीक्षा में 61 टॉपर निकले, इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
हेगड़े ने कहा कि जब आपको कैंसर का संदेह हो और जांच जरूरी हो तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप कीमोथेरेपी करवाएं. आप कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने का जोखिम नहीं उठा सकते. NTA लगातार इस बात से इनकार करता रहा कि कोई लीक हुआ है. एजेंसी ने बिहार पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया. जब बिहार की EOU ने NTA को पत्र लिखा तो उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया.

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